हिमाचल की पीएचडी शोधार्थी मुस्कान ने जीता गोल्डन वॉयस अवार्ड

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शिमला। हिमाचल प्रदेश की पीएचडी शोधार्थी दृष्टिबाधित गायिका मुस्कान ने दिल्ली में आयोजित गायन प्रतियोगिता में गोल्डन वॉयस अवार्ड जीता है। मुस्कान को खिताब के साथ 51 हजार की नकद राशि दी गई। उन्होंने फाइनल राउंड में जुबां पे लागा… गीत प्रस्तुत कर खूब वाहवाही लूटी। मुस्कान भारतीय चुनाव आयोग की यूथ आइकॉन हैं। वह उमंग फाउंडेशन की ब्रांड एंबेसडर भी हैं। वर्तमान में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (एचपीयू) से पीएचडी कर रही हैं। प्रतियोगिता में देश के सभी राज्यों से 200 से अधिक दृष्टिबधित प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। मुस्कान ऑडियंस पोल में भी पहले नंबर पर रहीं। गोल्डन वॉयस प्रतियोगिता के लिए आयोजकों ने सितंबर में देशभर के दृष्टिबाधित गायक गायिकाओं से वीडियो क्लिप के रूप में प्रविष्टियां मांगी थीं।

पांच प्रतिभागी अंतिम राउंड में पहुंचे। इनमें मध्यप्रदेश से 2, राजस्थान और दिल्ली से 1-1 और हिमाचल से मुस्कान थीं। उमंग फाउंडेशन के अध्यक्ष प्रो. अजय श्रीवास्तव ने बताया कि दृष्टिबाधित लोगों की संस्था नेशनल एसोसिएशन फॉर द ब्लाइंड (एनएबी) और गोल्डन शाइन ट्रस्ट ने दिल्ली में भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद के ऑडिटोरियम में प्रतियोगिता करवाई। राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता और एनएबी के महासचिव प्रशांत रंजन ने मुस्कान को ‘गोल्डन वॉयस’ का खिताब और 51 हजार रुपये का चेक दिया। गौरतलब है कि मुस्कान ने गायन के बूते अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाई है। तीन वर्ष पहले अमेरिका के 5 राज्यों में जाकर अपने सुरों का जादू बिखेरा था। वह मुख्यमंत्री और राज्यपाल के हाथों से भी सम्मान पा चुकी हैं। मुस्कान शिमला के चिड़गांव के सिंदासली की रहने वाली हैं। उनका सपना प्रोफेसर बनना है।