बीजेपी हारी इलेक्शन तो सीएम भजनलाल शर्मा का क्या फ्यूचर? इन मंत्रियों की भी जा सकती है कुर्सी

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जयपुर। राजस्थान में दो चरणों में लोकसभा के चुनाव संपन्न हो गए है। हमेशा की तरह इस बार भी कांग्रेस-बीजेपी के बीच कांटे का मुकाबला है। सियासी जानकारों का कहना है कि इस बार बीजेपी के हैट्रिक लग पाने में संशय है। इंडिया गठबंधन 6 से 7 सीटों पर मजबूत है। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि बीजेपी से कांग्रेस सीटें छिन लेती है तो सीएम भजनलाल का भविष्य क्या होगा? राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि सीएम भजनलाल शर्मा की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। माना यही जा रहा है कि बीजेपी को कम सीट मिलने की स्थिति में भजनलाल का विरोधी धड़ा सक्रिय होगा। दबाव की राजनीति करेगा। सियासी जानकारों का कहना है कि सीएम भजनलाल शर्मा के साथ-साथ मंत्रियों की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी है। कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने तो यहां तक कह दिया है कि दौसा जिले की महुआ से बीजेपी हार जाती है तो वह मंत्री पद से इस्तीफा दे देंगे। हालांकि, सीएम भजनलाल शर्मा का कहना है कि राजस्थान में जीत की हैट्रिक लगाएंगे। भाजपा का चार सौ पार का नारा पूरा होगा। राजस्थान में मोदी की लहर चल रही है, हम सभी सीटें जीतेंगे। मोदी तीसरी बार पीएम बनेंगे।

राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि लोकसभा चुनाव परिणाम राजस्थान के लिए अहम मायने रखते है। बीजेपी को कम सीट मिलती है तो मंत्रियों पर भी असर पड़ेगा। प्रभारी जिला मंत्रियों के यहां से पार्टी हारती है तो मंत्रिमंडल से छुट्टी भी हो सकती है। ऐसे में यह माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव के बाद प्रदेश में सियासी उथल-पुथल रह सकती है। पीएम मोदी और अमित शाह ने सीएम भजनलाल को खुलकर बैटिंग करने का मौका दिया है। ऐसे में पार्टी का प्रदर्शन उम्मीद के मुताबिक नहीं रहता है तो मंत्रियों पर गाज भी गिर सकती है। जानकारों का कहना है कि सीएम भजनलाल के सामने सबसे बड़ी चुनौती हैट्रिक लगाने की है। जानकारों का कहना है कि वसुंधरा राजे गुट के नेता फिलहाल चुप्पी साधे हुए है। सही समय का इंतजार है।

उल्लेखनीय है कि लोकसभा चुनाव परिणाम से ही मंत्रियों का संगठन के लिहाज से रिपोर्ट कार्ड तय होगा. दरअसल मंत्रियों को सभी 25 लोकसभा सीटों पर अलग-अलग प्रभाव की जिम्मेदारी दी गई थी, ऐसे में चुनाव से पहले और चुनाव के दौरान मंत्रियों ने अपने प्रभार वाली लोकसभा सीट पर जमकर पसीना बहाया। मंत्री इस बात को बखूबी समझते हैं कि लोकसभा चुनाव का परिणाम का प्रभाव आगामी दिनों में होने वाले मंत्रिमंडल के फेरबदल में देखा जा सकता है। माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव के परिणाम के आधार पर मंत्रियों की परफॉर्मेंस पर प्रमोशन और डिमोशन तय होगा।

अजमेर लोकसभा सीट पर उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी। कोटा लोकसभा क्षेत्र पर डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा। श्रीगंगानगर हनुमानगढ़ लोकसभा क्षेत्र पर सुमित गोदार
बीकानेर लोकसभा क्षेत्र पर गजेंद्र सिंह खींवसर। चूरू लोकसभा सीट पर मंत्री अविनाश गहलोत। सीकर लोकसभा सीट पर मंत्री गौतम दक। जयपुर ग्रामीण लोकसभा सीट पर मंत्री किरोड़ी लाल मीणा। जयपुर शहर लोकसभा सीट पर मंत्री जोगाराम पटेल। अलवर लोकसभा सीट पर मंत्री सुरेश रावत। भरतपुर लोकसभा सीट पर मंत्री संजय शर्मा। करौली धौलपुर लोकसभा सीट पर मंत्री जवाहर सिंह बेढ़म। दौसा लोकसभा सीट पर मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़। टोंक-सवाईमाधोपुर लोकसभा सीट पर मंत्री मदन दिलावर। नागौर लोकसभा सीट पर मंत्री कन्हैयालाल चौधरी। पाली लोकसभा सीट पर मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग। जोधपुर लोकसभा सीट पर मंत्री विजय सिंह चौधरी और बाड़मेर लोकसभा सीट पर मंत्री जोराराम कुमावत की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है।