क्या आपके घर में भी रोज होता है झगड़ा तो अपनायें यह वास्तु टिप्स घुल जाएगी रिश्तों में मिठास

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आपने देखा होगा कि कभी-कभी बिना वजह भी अशांति का माहौल बनने लगता है। ऐसा घर में आने वाली नकारात्मक ऊर्जा के कारण हो सकता है। नकारात्मक ऊर्जा के कारण छोटी-छोटी बातों पर विवाद होने लगते हैं। आपको बता दें कि वास्तु शास्त्र में हर स्थान के निर्माण और साज-सज्जा को लेकर नियम बताए गए हैं। कई बार हम छोटी-छोटी बातों पर ध्यान नहीं देते और जाने-अनजाने घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होने लगता है। जिसके कारण हमारे जीवन में परेशानियां आने लगती हैं। आइए जानते हैं वास्तु के अनुसार कैसे सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाया जा सकता है।

घर का मुख्य द्वार
घर का मुख्य द्वार ऐसे स्थान पर होना चाहिए जहां ऊर्जा का प्रवाह मुख्य हो। इसलिए दरवाजा हमेशा इस तरह से खुलना चाहिए कि दरवाजे के पास गैलरी में अंधेरा न रहे। प्रकाश एवं वायु का प्रवाह सुचारू होना चाहिए। वास्तु के अनुसार जिन घरों के दरवाजे पूरे नहीं खुलते, वहां रहने वाले सदस्यों की तरक्की के अवसर भी सीमित होते हैं। दरवाज़ा पूरा खुलना बहुत ज़रूरी है.

टूटी हुई चीजें
अक्सर देखा जाता है कि घर में कई चीजें ऐसी होती हैं जिन्हें बिना वजह संभालकर रखा जाता है, लेकिन ऐसी चीजें कभी भी घर में नहीं रखनी चाहिए जो टूट जाती हैं और फिर टूट जाती हैं। ऐसी चीजों को तुरंत अपने घर की अलमारी से हटा दें। घर में टूटे-फूटे और बेकार सामान रखे रहने से नकारात्मकता बढ़ती है जो परिवार में कलह को बढ़ावा देती है।

स्वच्छता
घर में मकड़ी के जाले न रहने दें। सप्ताह में एक बार घर की अच्छे से सफाई करते रहें। नमक मिले पानी से घर में पोछा लगाएं, इससे घर से नकारात्मक ऊर्जा दूर हो जाती है क्योंकि किचन में किसी भी तरह की ऊर्जा का सीधा असर घर के सभी सदस्यों पर पड़ता है। इसलिए किचन और बाथरूम कभी भी एक-दूसरे के सामने या पास-पास नहीं बनवाना चाहिए। अगर आपके किचन और बाथरूम का दरवाज़ा एक-दूसरे के सामने है तो जब तक ज़रूरी न हो, बाथरूम का दरवाज़ा खुला न रखें।