फरीदाबाद: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने टीजीटी, पीजीटी की भर्ती में एक लाख से कम आय वालों को मेरिट में 50 अंकों की छूट देने का एलान किया है. मुख्यमंत्री ने कहा है कि इस पहल से निश्चित रूप से प्रशिक्षित अध्यापकों को प्राइवेट स्कूलों द्वारा मनमाने ढंग से दिए जा रहे वेतन के भेदभाव से निजात मिलेगी. उन्होंने कहा कि प्राइवेट स्कूलों में ऐसे अध्यापकों को 8-10 हजार मासिक वेतन मिलता है. अब हरियाणा कौशल रोजगार निगम के माध्यम से लगने वाले टीजीटी और पीजीटी अध्यापकों को 25000 व 29000 मासिक वेतन मिलेगा.
हरियाणा अभिभावक एकता मंच के प्रदेश अध्यक्ष एडवोकेट ओपी शर्मा व प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा ने कहा है कि मंच पहले से ही कहता आया है कि प्राइवेट स्कूलों में अध्यापकों का शोषण होता है. उनको कम वेतन दिया जाता है जबकि हस्ताक्षर ज्यादा पर कराए जाते हैं. मंच ने सबूत के साथ कई बार मुख्यमंत्री शिक्षा मंत्री शिक्षा सचिव, निदेशक को जानकारी देकर बताया कि सीबीएसई व हरियाणा शिक्षा नियमावली के नियम कानूनों के तहत अध्यापकों को निर्धारित वेतनमान पर ही तनख्वाह मिलनी चाहिए उससे कम नहीं.
जो प्राइवेट स्कूल इस नियम के विपरीत अध्यापकों का शोषण कर रहे हैं उनके खिलाफ उचित कार्रवाई करते हुए अध्यापकों को निर्धारित वेतन मान दिलवाया जाए लेकिन सरकार ने इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर कोई भी उचित कार्रवाई नहीं की. मंच के प्रदेश संरक्षक सुभाष लांबा ने कहा है कि अब जब मुख्यमंत्री ने यह जान लिया है कि प्राइवेट स्कूलों में अध्यापकों का शोषण होता है, उन्हें कम तनख्वाह पर रखा जाता है तो उनको अब ऐसे पीड़ित अध्यापकों के हित में दिखाई देने वाली उचित कार्रवाई करनी चाहिए.
मंच ने कहा है कि सरकार हरियाणा कौशल रोजगार निगम के माध्यम से जो अध्यापकों की भर्ती कर रही है वह अनुबंध आधार पर है. सरकार कभी भी उनको निकाल सकती है. मंच ने मांग की है कि सरकार इसकी जगह अध्यापकों की कमी को स्थाई रूप से एचटेट पास कर चुके लोगों से पूरा करे.