जिस स्कूल में बेटा हेडमास्टर वहीं मां टीचर, दोनों की उम्र में 6 साल का अंतर

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चतरा. मां और बेटा एक ही स्कूल में हेड मास्टर और शिक्षिका और मां से बेटा छह साल छोटा. चौंकिए नहीं, क्योंकि ये शत-प्रतिशत सही मामला है और मां-बेटा दोनों एक ही स्कूल सरकारी स्कूल में पदस्थापित हैं. इस स्कूल में बेटा प्रधानाध्यापक है, तो उसकी मां सहायक शिक्षिका. मजे की बात यह है कि बेटा अपनी मां से महज छह साल छोटा है. आश्चर्य इस बात कि है कि बेटे से मां छह साल ही कैसे बड़ी हो सकती है. इस बात का खुलासा झारखंड शिक्षा परियोजना कार्यालय में दिये गये प्रमाण पत्र से हुआ है.

इस प्रमाण पत्र में मां की जन्म तिथि 23 नवंबर 1980 है, तो वहीं उसके बेटे की जन्म तिथि तीन मई 1986 अंकित है. यह स्कूल सदर प्रखंड के लेम पंचायत के लातवेद गांव में स्थित है. जानकारी के अनुसार उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय, लातवेद में प्रधानाध्यापक पद पर कार्यरत अरविंद कुमार हैं, जबकि उसकी मां सुनीता देवी वहां पर सहायक अध्यापिका पद पर कार्यरत हैं. सुनीता देवी की नियुक्ति वर्ष 2003 में लेम पंचायत के उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय गोडरा में हुई थी, जबकि अरविंद की नियुक्ति 2005 में उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय लातवेद में हुई.

ऐसे हुई मां-बेटे की एक ही स्कूल में पदस्थापना
कई वर्षों तक एक ही स्कूल में रहने के बाद अरविंद को स्कूल का प्रधानाध्यापक बना दिया, वहीं वर्ष 2018 में राज्य शिक्षा परियोजना के निर्देश पर तत्कालीन जिला शिक्षा पदाधिकारी ने डेढ़ किमी. के दायरे में स्थित यूपीएस गोडरा को यूपीएस लातवेद में मर्ज कर दिया. परिणाम स्वरूप सुनीता देवी को यूपीएस लातवेद में पदस्थापित कर दिया गया. उसके बाद से सुनीता वहां पर सहायक अध्यापिका के पद पर कक्षा एक से पांच तक के बच्चों को पढ़ा रही हैं.

प्रखंड पदाधिकारी कर रहे जांच
इस मामले में जिला शिक्षा अधीक्षक जितेंद्र सिन्हा ने बताया कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है. उन्होंने प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी और प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी को जांच का जिम्मा दिया है. जिला शिक्षा अधीक्षक ने कहा कि उनको कहा गया है कि दोनों शिक्षकों से सर्टिफिकेट की मूल प्रति प्राप्त कर जांच करें, ताकि सच्चाई का पता चल सके. सच सामने आने के बाद निश्चित तौर पर कार्रवाई की जाएगी.