भारत-रूस ने खोज लिया चीनी मुद्रा युआन का तोड़! खाड़ी के इस दोस्त से मिल सकती है बड़ी मदद

India-Russia discovered the break of Chinese currency Yuan! Big help can be found from this friend of Gulf
India-Russia discovered the break of Chinese currency Yuan! Big help can be found from this friend of Gulf
इस खबर को शेयर करें

मॉस्को: भारत की कुछ रिफाइनरियां रूस को क्रूड ऑयल की पेमेंट चीनी मुद्रा युआन में कर रही हैं। इससे चीन काफी ज्यादा खुश है। उसे यह लगने लगा है कि युआन जल्द ही वैश्विक मुद्रा कहे जाने वाले अमेरिकी डॉलर का विकल्प बन सकता है। हालांकि, भारत ने शुरुआत में ही साफ कर दिया था कि यह सिर्फ चंद दिनों के लिए एक वैकल्पिक व्यवस्था है। ऐसे में भारत और रूस ने चीनी मुद्रा युआन की काट को लगभग खोज लिया है। इस बीच एक प्रमुख रूसी आर्थिक टिप्पणीकार ने बुधवार को कहा कि संयुक्त अरब अमीरात की मुद्रा दिरहम पर भारत-रूस व्यापार के लिए विचार किया जा सकता है।

भारत-रूस में भुगतान की तीसरी मुद्रा है युआन
द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार, हाल ही में संपन्न शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के वर्चुअल समिट में भारतीय और रूसी विशेषज्ञों की बातचीत में बोलते हुए नेशनल रिसर्च यूनिवर्सिटी के हायर स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के प्रोफेसर रूसी अकादमिक सर्गेई लुज़्यानिन ने कहा कि रूस को अपने तेल आयात के लिए भारत से भुगतान प्राप्त करने के लिए चीनी युआन में समझौता करना पड़ा, क्योंकि मॉस्को को भारतीय रुपया अस्थिर लगा। उन्होंने कहा कि रूस और भारत के हालिया लेनदेन के लिए युआन को भुगतान के लिए तीसरी मुद्रा माना गया था। भारतीय रुपये को अस्थिर माना जाता था और इसीलिए युआन को तीसरी मुद्रा के रूप में चुना गया था।

यूएई के दिरहम को अपना सकते हैं दोनों देश
उन्होंने कहा कि हमने इस उद्देश्य के लिए संयुक्त अरब अमीरात के दिरहम पर भी विचार किया। शायद संयुक्त अरब अमीरात के दिरहम का उपयोग हमारे व्यापार संबंधों के लिए किया जा सकता है। इस हफ्ते की शुरुआत में एक रिपोर्ट में बताया गया था कि भारतीय रिफाइनरियों ने रूसी ऊर्जा कंपनियों को चीनी युआन में भुगतान करना शुरू कर दिया है। रूस के लिए तीसरी मुद्रा की आवश्यकता इसलिए बढ़ गई है, क्योंकि यूक्रेन पर हमले के कारण पश्चिमी देशों ने कई कड़े प्रतिबंध लगा दिए हैं। इस कारण रूस चाहकर भी अमेरिकी डॉलर में व्यवसाय नहीं कर सकता है। रूस अंतरराष्ट्रीय भुगतान के लिए जरूरी स्विफ्ट सिस्टम से भी बाहर है।

रूस से बड़ी मात्रा में तेल खरीद रहा भारत
रूस पर पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों के बावजूद भारत और रूस पिछले साल रूसी ऊर्जा के दो सबसे बड़े खरीदार बनकर उभरे हैं। भारत के युआन भुगतान ने इस बात को रेखांकित किया है कि कई देशों की अर्थव्यवस्थाएं रूस पर पश्चिमी प्रतिबंधों के कारण पड़ने वाले दबाव को कम करने में मदद के लिए तीसरी मुद्राओं की तलाश कर रही हैं। रूस के साथ व्यापार बंद करने के पश्चिमी दबाव के बावजूद भारत लगातार तेल आयात बढ़ा रहा है। लेकिन इस कारण व्यापार असंतुलन पैदा हुआ है, जिसके कारण द्विपक्षीय व्यापार प्रभावित हुआ है।