अभी-अभी: आजम खान पर यूपी सरकार को बड़ा झटका, सुप्रीम कोर्ट ने…

Just now: Big blow to UP government on Azam Khan, Supreme Court...
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रामपुर: रामपुर से सपा सांसद रहे आजम खान की सदस्‍यता जा चुकी है। भड़काऊ भाषण मामले में रामपुर की एक अदालत ने उन्‍हें तीन साल जेल की सजा सुनाई है। अपनी सदस्‍यता जाने को लेकर आजम खान ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाई जिस पर उत्‍तर प्रदेश सरकार और चुनाव आयोग से जवाब मांगा गया है। न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की खंडपीठ ने यूपी सरकार से कहा कि आखिर आजम खान को अयोग्‍य ठहराने की क्या जल्दी थी? आपको कम से कम उन्हें कुछ मोहलत देनी चाहिए थी।

खंडपीठ ने उत्तर प्रदेश की ओर से पेश अतिरिक्त महाधिवक्ता गरिमा प्रसाद को आजम खान की याचिका पर अपना जवाब दाखिल करने के लिए कहा। पीठ ने प्रसाद से उनकी याचिका को चुनाव आयोग के स्थायी अधिवक्ता तक भी पहुंचाने के लिए कहा। अपने जवाब में प्रसाद ने कहा है कि आजम खान को अयोग्य ठहराना सुप्रीम कोर्ट के उस निर्देश के अनुरूप है जिसे उसने अपने एक फैसले में दिया था।

आजम खान की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता पी चिदंबरम ने कहा कि मुजफ्फरनगर जिले की खतौली विधानसभा से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक विक्रम सैनी को भी 11 अक्टूबर को दोषी ठहराया गया था और दो साल की सजा दी गई थी, लेकिन उनकी अयोग्यता को लेकर कोई फैसला नहीं किया गया। चिदंबरम ने कहा कि इस मामले में तात्कालिकता यह है कि रामपुर सदर सीट पर उपचुनाव के ऐलान को लेकर चुनाव आयोग 10 नवंबर को गजट अधिसूचना जारी करने जा रहा है।

चिदंबरम ने कहा कि सत्र न्यायालय के न्यायाधीश कुछ दिनों के लिए अवकाश पर हैं और इलाहाबाद उच्च न्यायालय बंद है, इसलिए आजम खान खुद को दोषी ठहराये जाने और सजा के खिलाफ वहां नहीं जा सके। पीठ ने प्रसाद से पूछा कि खतौली विधानसभा सीट के मामले में कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 13 नवंबर की तारीख तय की और प्रसाद से कहा कि वह निर्देश प्राप्त कर अपना जवाब दाखिल करें।

गत 27 अक्टूबर को खान को भड़काऊ भाषण मामले में दोषी ठहराया गया था और रामपुर अदालत ने उन्हें तीन साल जेल की सजा सुनाई थी। रामपुर स्थित एमपी-एमएलए (सांसद-विधायक) अदालत ने वर्ष 2019 के मामले में विधायक को जमानत भी दे दी। 28 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश विधानसभा सचिवालय ने खान को सदन की सदस्यता के लिए अयोग्य ठहराने का ऐलान किया था। उप्र विधानसभा के प्रमुख सचिव ने कहा था कि विधानसभा सचिवालय ने रामपुर सदर सीट को रिक्त घोषित कर दिया है।