अभी अभीः उद्धव ठाकरे ने मानी हार, गिरेगी सरकार, बेटे आदित्य ने भी…

Just now: Uddhav Thackeray admits defeat, government will fall, son Aditya also...
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मुंबई: करीब 27 घंटे की कसमकस के बाद उद्धव ठाकरे ने हार मान ली है। उन्होंने संकेत दे दिया है कि अब बागी एकनाथ सिंदे को नहीं मनाया जा सकता है। इसका सीधा मतलब है कि उद्धव ठाकरे को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री का पद छोड़ना होगा। इसके साथ ही, शिवसेना, कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) की महाविकास अघाड़ी सरकार का आखिरी वक्त आ गया। बड़ी बात है कि उद्धव को उसी मोर्चे पर मात खानी पड़ी जिसका वो दंभ भरते थे। बागी शिवसैनिकों का गुट इसी आरोप के साथ उन्हें आधे कार्यकाल में ही सत्ता की कुर्सी से उतार दिया कि उन्होंने अपने पिता बाला साहेब ठाकरे के हिंदुत्व की राह छोड़ दी है।

आदित्य ठाकरे ने बदला ट्विटर बायो
बहरहाल, उद्धव के हार माने लेने वाले संकेत की। मुख्यमंत्री के पुत्र आदित्य ठाकरे ने अपना ट्विटर प्रोफाइल बदल लिया है। उन्होंने नए प्रोफाइल में खुद के मंत्री होने की बात हटा ली है। हालांकि, जब तक विधानसभा में शक्ति परीक्षण नहीं हो जाए या फिर बिना शक्ति परीक्षण के ही मुख्यमंत्री अपना त्याग पत्र राज्यपाल को नहीं सौंप दें तब तक तो सरकार उद्धव ठाकरे की ही है जिसमें आदित्य ठाकरे पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन के साथ-साथ पर्यटन और प्रॉटकॉल मंत्री हैं।

राउत के दावे के तुरंत बाद आया टर्न
आदित्य ठाकरे ने अपना ट्विटर प्रोफाइल तब चेंज किया है जब थोड़ी ही देर पहले शिवसेना प्रवक्ता और पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने दावा किया था कि उनका बागी गुट के मुखिया एकनाथ सिंदे से फोन पर एक घंटा बात हुई। उन्होंने दावा किया था कि दोनों तरफ से एक-दूसरे के प्रति सम्मान और श्रद्धा और कोई रोष या विरोध की कोई बात नहीं है। हालांकि, मीडिया के सवालों पर उन्होंने यह भी कह दिया था कि ‘ज्यादा से ज्यादा क्या होगा, सत्ता जाएगी।’ उन्होंने यह भी कहा कि सत्ता जाएगी तो आएगी भी। उनके इसी बयान से भी यही समझा जा रहा था कि शायद चीजें हाथ से निकल गई हैं और अब शिवसैनिकों के बीच सुलह की गुंजाइश खत्म हो गई है। आदित्य ठाकरे के प्रोफाइल में बदलाव ने इस अनुमान की पुष्टि कर दी है। इस तरह, मंगलवार को सुबह 8 बजे से शुरू हुआ ‘बागियों को वापस लाओ अभियान’ की 27 घंटे बाद इतिश्री हो गई।