कनाडा में खालिस्तानी समर्थकों ने निकाली परेड, इंदिरा गांधी की हत्या को दिखाती झांकी भी शामिल की

Khalistani supporters take out parade in Canada, including tableau depicting Indira Gandhi's assassination
Khalistani supporters take out parade in Canada, including tableau depicting Indira Gandhi's assassination
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नई दिल्ली। कनाडा में हाल ही में खालिस्तानी परेड निकाली गई थी. इस परेड का हैरान करने वाला वीडियो सामने आया है. इसमें पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या को दर्शाती एक झांकी दिखाई दे रही है. दरअसल, कनाडा के ब्रैम्पटन में खालिस्तानी समर्थकों द्वारा 5 किलोमीटर लंबी परेड निकाली गई थी. हालांकि आजतक इस वीडियो की सत्यता की पुष्टि नहीं करता है.

बताया जा रहा है कि ये वीडियो 6 जून को ऑपरेशन ब्लू स्टार की 39वीं बरसी से पहले 4 जून को खालिस्तान समर्थकों द्वारा ब्रैम्पटन में निकाली गई परेड का हिस्सा है. ये वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. हालांकि लोग इस वीडियो और खालिस्तानी समर्थकों की इस परेड की निंदा कर रहे हैं.

वहीं, दूसरी ओर पंजाब के गोल्डन टेंपल में आयोजित एक कार्यक्रम की जांच NIA से कराए जाने की मांग करते हुए गृह मंत्रालय को पत्र लिखा गया है. वकील विनीत जिंदल ने गृह मंत्रालय को लिखे पत्र में गोल्डन टेंपल में हुए कार्यक्रम में भिंडरावाले की तस्वीरों के साथ खालिस्तान समर्थित और देश विरोधी कार्यक्रमों के आयोजन की जांच की मांग की है.

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इसके अलावा पत्र में FIR दर्ज कर करने की मांग के साथ ही पंजाब सरकार और पंजाब पुलिस को भविष्य में इस तरह के किसी भी खालिस्तान समर्थक कार्यक्रमों पर प्रतिबंध लगाने की भी मांग की गई है.

दरअसल, 6 जून को ऑपरेशन ब्लू स्टार की 39वीं बरसी पर आयोजित कार्यक्रम में कट्टरपंथी सिख संगठनों के समर्थकों द्वारा खालिस्तान के समर्थन में नारे लगाए गए थे. इस कार्यक्रम में शामिल युवकों ने जरनैल सिंह भिंडरावाले के नाम के बैनर और तख्तियां ले रखी थीं. खालिस्तान के समर्थन में उनकी नारेबाजी से पूरा स्वर्ण मंदिर का परिसर गूंज उठा. ये कार्यक्रम शांतिपूर्ण तरीके से हो, इसके लिए अमृतसर में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए थे.

अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने सिख समुदाय को अपने संदेश में कहा कि समय की मांग है कि सिख प्रचारकों और विद्वानों को सिख धर्म को बढ़ावा देने के लिए गांवों का दौरा करना चाहिए. युवाओं को समृद्ध सिख सिद्धांतों और सिख इतिहास से अवगत कराया जा सके और उन्हें अकाल तख्त के बैनर तले एकजुट किया जा सके.