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शिमला: हिमाचल प्रदेश में लंपी चर्म रोग की रोकथाम नहीं हो पा रही है। इससे पशुपालन विभाग की चिंताएं और बढ़ गई हैं। लेकिन सुखद पहलू यह है कि जिस पशु को एक बार टीका लग गया, उसमें दोबारा संक्रमण नहीं फैल रहा है। ऐसा मामला सामने नहीं आया है। दूसरा, अब तक 53302 पशु स्वस्थ भी हो गए हैं। जबकि प्रभावित पशुओं की संख्या 97336 हो गई है। अभी तक 6127 पशुओं की मृत्यु हुई है। 37907 पशुओं में संक्रमण मौजूद हैं। विभाग 259891 पशुओं का टीकाकरण कर चुका है। टीके की जरूरत 265350 पशुओं को है। जबकि विभाग के पास टीके की 65674 डोज उपलब्ध है।
मक्खी-मच्छरों से फैल रहा संक्रमण
यह संक्रमण मक्खी, मच्छर से फैल रहा है। पशु विशेषज्ञों के अनुसार जैसे ही सर्द माहौल बनेगा, वैसे ही रोग की रोकथाम हो सकेगी। अभी वर्षा के बावजूद भी रोग के वेक्टर खत्म नहीं हुए हैं।
जागरूकता पर जोर
रोग के बारे में पशुपालकों को जागरूक करने पर विभाग अधिक जोर दे रहा है। इसके लिए सात सौ से अधिक शिविरों का आयोजन किया गया है।
हालात पर पैनी नजर
पशुपालन मंत्री वीरेंद्र कंवर के अनुसार विभाग स्थिति पर पूर्ण रूप से नजर रहा है। सरकार विभिन्न स्तरों पर समीक्षा बैठकें कर रही है। सभी प्रभावित जिलों में विभागीय अधिकारियों व कर्मचारियों की टीमें बनाई गई हैं, जो रोगी पशुओं को तुरन्त उपचार उपलब्ध करवा रही हैं। प्रत्येक जिला के सहायक निदेशक, परियोजना को जिला स्तर पर नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। निदेशालय स्तर पर भी टास्क फोर्स और वार रूम स्थापित किया गया है। इस रोग से प्रभावित क्षेत्रों के आसपास 5 किलोमीटर के दायरे में रोग प्रतिरोधी टीकाकरण किया जा रहा है।जिलों में रोगी पशुओं के उपचार के लिए पर्याप्त मात्रा में दवाइयां उपलब्ध हैं।