यूपी की नौकरशाही में जल्द होंगे कई बड़े बदलाव, बदलेगी पदोन्नत अधिकारियों की जिम्मेदारी

Many big changes will soon happen in UP's bureaucracy, responsibility of promoted officers will change
Many big changes will soon happen in UP's bureaucracy, responsibility of promoted officers will change
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लखनऊ। यूपी की ब्यूरोक्रेसी में जल्द ही कई बड़े बदलाव होने की संभावना जताई जा रही है। नए साल पर पदोन्नति पाकर प्रमुख सचिव और सचिव बनने वाले कुछ अधिकारियों के दायित्वों को बदले जाने की तैयारी है। नियुक्ति एवं कार्मिक विभाग ने इसके लिए मशक्कत शुरू कर दी है। यूपी सरकार ने पदोन्नति देकर 1998 बैच के छह आईएएस अफसरों को प्रमुख सचिव बनाया है।

इसमें से आलोक कुमार तृतीय मौजूदा समय सचिव नियोजन एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन हैं। इन्हें तो वहीं पर प्रमुख सचिव का प्रभार दिया जा सकता है। अनिल कुमार तृतीय प्रबंध निदेशक जल निगम शहरी और सचिव नगर विकास विभाग के पद पर तैनात हैं। जल निगम प्रबंध निदेशक का पद सचिव स्तर के अधिकारी का है। नगर विकास विभाग का प्रभार प्रमुख सचिव स्तर के अधिकारी के पास है। इसलिए दो प्रमुख सचिव वहां रहने की संभव कम है। इसीलिए उन्हें किसी दूसरे विभाग में तैनाती दी जाएगी।

अनिल कुमार सागर सचिव औद्योगिक विकास विभाग हैं। इस विभाग के विभागाध्यक्ष अपर मुख्य सचिव अरविंद कुमार हैं। यहां उनके अलावा अन्य सचिव स्तर के अधिकारी तैनात हैं। इसलिए अनिल कुमार भी हटाकर दूसरी जिम्मेदारी दी जा सकती है। पंधारी यादव सचिव वाह्य सहायतित परियोजनाएं हैं। इसलिए इनके हटाए जाने की संभावना कम है। अजय चौहान सचिव लोक निर्माण विभाग हैं। इस विभाग के मुखिया भी प्रमुख सचिव स्तर के अधिकारी हैं। इसलिए इन्हें भी हटाकर किसी दूसरे विभाग में भेजे जाने की संभावना है। नीना शर्मा निदेशक उत्तर प्रदेश प्रशासन एवं प्रबंधन अकादमी के पद पर तैनात हैं।

वर्ष 2007 बैच के सचिव व मंडलायुक्त के पद पर पदोन्नति पाने वाले सुहास एलवाई गौतमबुद्धनगर में डीएम हैं। इसलिए इनका भी हटना तय माना जा रहा है। चैत्रा वी अपर आयुक्त मेरठ मंडल है। इसलिए इन्हें भी कोई नई जिम्मेदारी दी जाएगी। डा. मुथुकुमारस्वामी बी पहले से प्रभारी मंडलायुक्त विंध्याचल मंडल मिर्जापुर हैं। प्रभु नारायण सिंह राहत आयुक्त, अभय विशेष सचिव पुनर्गठन समन्वय विभाग और आदर्श सिंह प्रभारी झांसी मंडलायुक्त के पद पर तैनात हैं। इसलिए प्रभु नारायण सिंह को भी नई तैनाती दी जा सकती है। प्रभु नारायण सिंह प्रभारी राहत आयुक्त हैं। इसलिए बने भी रह सकते हैं।