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नई दिल्ली: दिल्ली बॉर्डर पर पिछले एक साल से जारी किसान आंदोलन पर कल होने वाली संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक से पहले सिंघु बॉर्डर पर हलचल तेज हो गई है। सिंघु बॉर्डर पर पिछले एक साल से डटे किसानों ने अपने-अपने घर जाने के लिए पैकिंग शुरू कर दी है। आंदोलन जारी रखने के मसले पर कल किसान मोर्चा की एक बड़ी बैठक होने वाली है और किसानों को उम्मीद है कि कल संयुक्त किसान मोर्चा घर वापसी का ऐलान कर सकता है इसलिए किसानों ने पैकिंग शुरू कर दी है।
किसानों की ओर से सरकार को दिए गए डेडलाइन का आज आखिरी दिन भी है। संयुक्त किसान मोर्चा ने 4 तारीख को बैठक की थी और केंद्र सरकार को 2 दिन का वक्त दिया था। किसान मोर्चे ने सरकार को MSP कमेटी, किसानों पर दर्ज केस वापस लेने और मृतक किसानों के परिजनों को मुआवजे और बाकी मांगों के बारे में अपना स्पष्ट करने के लिए कहा था।
इससे पहले संयुक्त किसान मोर्चा ने MSP, कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा दिए जाने और प्रदर्शनकारियों के खिलाफ मुकदमे वापस लेने सहित अपनी अन्य लंबित मांगों पर सरकार से बातचीत के लिए पांच सदस्यीय समिति बनाई। संयुक्त किसान मोर्चा के सूत्रों ने बताया कि इस हफ्ते की शुरुआत में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के वरिष्ठ किसान नेताओं से बातचीत करने के बाद यह पहल की गई है।
किसानों के एक नेता ने कहा, ‘‘पांच सदस्यीय समिति अब सरकार से हमारी लंबित मांगों पर वार्ता करेगी। पहले सरकार के साथ अनौपचारिक बातचीत होती रही है, लेकिन शेष मुद्दों पर हम लिखित आश्वासन चाहते हैं, जिसमें किसानों के खिलाफ मामलों को वापस लेना और एमएसपी पर कानूनी गारंटी शामिल है।’’ सूत्रों ने कहा कि आगामी दिनों में संयुक्त किसान मोर्चा की राज्य समितियों के उन राज्यों के गृह मंत्रियों के साथ बैठक करने की संभावना है, जहां प्रदर्शनकारी किसानों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए हैं।