अनशन किया और तोड़ा, चीन बॉर्डर तक मार्च का ऐलान, फिर वापस, आखिर लद्दाख में क्या हो रहा?

Fasted and broke, announced march till China border, then back, what is happening in Ladakh?
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लेह एपेक्स बॉडी (LAB) ने शनिवार को चीन के साथ लगती चांगथांग सीमा तक 7 अप्रैल का अपना प्रस्तावित मार्च शनिवार को वापस ले लिया। इसने कहा कि संगठन ने लोगों के हित में यह कदम उठाया है। इससे पहले केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के प्रशासन ने लेह में धारा-144 लगाने का आदेश दिया था। LAB ने आरोप लगाया कि प्रशासन ने लेह को युद्धक्षेत्र में बदल दिया है। संगठन ने कहा कि उसने किसानों की दुर्दशा के बारे में देश के लोगों के बीच जागरूकता पैदा करने का अपना उद्देश्य पहले ही हासिल कर लिया है।

​मार्च रद्द करने पर क्या रहा पक्ष?​

सोनम वांगचुक ने एक पोस्ट में कहा कि पशमीना मार्च का उद्देश्य इशके शुरू होने से पहले ही पूरा हो गया है। प्रशासन के आदेश के बाद बनी परिस्थितियों में हिंसा की संभावना बहुत ज्यादा है। इसका इस्तेमाल इस शांतिपूर्ण आंदोलन को राष्ट्र-विरोधी करार देने के लिए किया जा सकता है। अब पूरा देश सीमाओं पर हमारे चरागाहों की असल स्थिति के बारे में जानता है। शांतिपूर्ण चल रहा अनशन जारी रहेगा। हम देश के विभिन्न हिस्सों से यहां आए सभी नेताओं और लोगों को धन्यवाद देते हैं।

​क्या कहना है LAB का?​

LAB ने कहा कि उसका कानूनों का उल्लंघन करने का कोई इरादा नहीं है। प्रशासन की प्रतिक्रिया गैर-जरूरी है। उन्होंने कहा कि किसान दक्षिण में विशाल औद्योगिक संयंत्रों और उत्तर में कथित चीनी अतिक्रमण के कारण अपनी मुख्य चारागाह भूमि खो रहे हैं। LAB ने कहा कि लद्दाख को राज्य का दर्जा दिए जाने और इसे संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने संबंधी मांगों को लेकर शांतिपूर्ण आंदोलन जारी रहेगा।

​पहले एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक ने क्या कहा?​

शनिवार को X पर पोस्ट में सोनम वांगचुक ने कहा, ‘फोर्स, बैरिकेड्स, स्मोक ग्रेनेड के साथ लेह को युद्ध क्षेत्र में तब्दील किया जा रहा है। शांतिपूर्ण युवा नेताओं, यहां तक ​​कि गायकों को भी गिरफ्तार करने की कोशिशें जारी हैं। ऐसा लगता है कि वे सबसे शांतिपूर्ण आंदोलन को हिंसक बनाना चाहते हैं और फिर लद्दाखियों को राष्ट्र-विरोधी करार देना चाहते हैं। सरकार केवल अपने वोटों पर लद्दाख के प्रभाव के बारे में चिंतित दिखती है… न कि यहां के लोगों के बारे में और न ही राष्ट्रीय सुरक्षा के बारे में।’

​लेह के DM ने क्या कहा?​

लेह के DM संतोष सुखदेव ने शुक्रवार को 7 अप्रैल को धारा-144 लगाने का आदेश दिया और निर्देश दिया कि उनकी इजाजत के बिना कोई भी जुलूस, रैली या मार्च नहीं निकाला जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि लेह के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने बताया है कि जिले में सार्वजनिक शांति के संभावित उल्लंघन का संकेत देने वाले विश्वसनीय इनपुट थे। आदेश में कहा गया है कि कोई भी व्यक्ति ऐसा बयान नहीं देगा, जिससे सांप्रदायिक सद्भाव और सार्वजनिक शांति भंग होने की संभावना हो और उससे ज़िले में कानून-व्यवस्था की समस्या पैदा हो। इसके अलावा पुलिस ने अगले 24 घंटे के लिए इंटरनेट स्पीड को 2जी तक सीमित करने का आदेश जारी किया था।