उत्तराखंड में अब सरकारी नौकरी पाना होगा और मुश्किल, एक की जगह अब दो परीक्षा करनी होगी पास

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देहरादून। उत्तराखंड में अब सरकारी नौकरी पाना आसान नहीं होगा। इसके लिए अब समूह ग की भर्ती परीक्षा में भी दो स्तरीय परीक्षाओं से गुजरना होगा। उत्तराखंड अधीनस्थ चयन आयोग अब समूह ग भर्ती को भी टू टियर एग्जाम व्यवस्था लागू करने की तैयारी में है। इसके लिए पहले प्री और फिर मुख्य परीक्षा लेने की व्यवस्था लागू करने की तैयारी चल रही है।

यूकेएसएसएससी पेपर लीक प्रकरण के खुलासे के बाद से आयोग की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। ऐसे में आयोग अपनी इमेज सुधारने को सख्त कदम उठाने जा रहा है। इसके लिए आयोग लगातार परीक्षाओं को फुलप्रुफ बनाने में जुटा है। सबसे पहले आयोग ने संबंधित एजेंसी पर भी कार्रवाई की है, जो कि विभाग के कामों को देख रही थी। अब आयोग परीक्षा के पैटर्न पर भी फोकस कर रही है। जिससे परीक्षा को फुलप्रुफ बनाया जा सके। किसी स्तर पर सेटिंग का चांस ही न रहे। इसके लिए आयोग अब समूह ग की परीक्षाओं को दो स्तर पर कराने की तैयारी कर रहा है। जिसमें पहले प्री और फिर बाद में मुख्य परीक्षा आयोजित करने के बाद ही अंतिम सूची बनाई जा सके। वर्तमान में एक ही बहुविकल्पीय पेपर कराए जा रहे हैं। लेकिन अब टू टियर व्यवस्था अपनाई जाएगी। इससे काफी हद तक पारदर्शिता आने की उम्मीद है।

इस तरह तैयार होगा सिस्टम
अब तक प्राप्त जानकारी के अनुसार आयोग दो परीक्षाएं आयोजित करेगा। इसमें पहली प्री जो कि बहुविकल्पीय प्रश्न आधारित होगी। वर्तमान में यही परीक्षा देकर मेरिट लिस्ट बनाई जाती है। इसके बाद दूसरी परीक्षा विस्तृत और लिखित टाइप आयोजित होगी। इस परीक्षा में नकल के किसी भी तरह के चांस न होने की संभावना बढ़ जाती है। हालांकि एग्जाम का सिलेबस कैस होगा और किस तरह के प्रश्न आयेंगे ये अभी सामने आना बाकि है।

विजिलेंस ने एक और भर्ती में केस दर्ज किया
उधर यूकेएसएसएसी पेपर लीक प्रकरण सामने आने के बाद एसटीएफ और अन्य जांच एजेंसी के रडार पर कई परीक्षाएं आ गई हैं। पेपर लीक मामले के बाद विजिलेंस ने एक और भर्ती में केस दर्ज किया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने छह मार्च 2016 को ग्राम पंचायत विकास अधिकारी वीपीडीओ के 196 पदों पर भर्ती की परीक्षा कराई थी। इस भर्ती परीक्षा में आरोप लगे थे कि ओएमआर शीट को दो सप्ताह तक किसी गुप्त स्थान पर रखकर उससे छेड़छाड़ की गई थी। 2016 में हुई इस परीक्षा को रद्द किया गया था। इस मामले में विजिलेंस ने मुकदमा दर्ज करने के बाद कार्रवाई शुरू कर दी है। ये कार्रवाई मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के उस बयान के बाद सामने आई है जिसमें सीएम ने आयोग में रैकेट की तरह काम करने वालों पर सख्त कार्रवाई करने की बात की है।

लखनऊ की प्रिंटिंग प्रेस से एक आरोपी गिरफ्तार
इधर यूकेएसएसएससी पेपर लीक प्रकरण में एसटीएफ ने जांच को आगे बढ़ाते हुए लखनऊ की प्रिंटिंग प्रेस से एक आरोपी को गिरफ्तार’किया है। एसटीएफ ने परीक्षा के गोपनीय कार्य में लखनऊ स्थित आरएमएस टेक्नो सॉल्यूशंस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड में कार्यरत अभिषेक वर्मा को गिरफ्तार किया है। एसटीएफ ने परीक्षा लीक मामले में मजबूत कड़ी और साक्ष्य मिलने का दावा किया

इससे पहले एसटीएफ 6 आरोपियों को जेल की सलाखों के पीछे भेज चुकी है। जिसमें एक आयोग की गोपनीय कामों को करने वाली आउटसोर्स कंपनी का कंम्प्यूटर प्रोगामर आयोग से निष्कासित पूर्व पीआरडी कर्मचारी कोचिंग सेंटर का डायरेक्टर भी शामिल था। एसटीएफ अब इस प्रकरण में आयोग से जुड़े अन्य लोगों के भी कनेक्शन क्रेक करने में जुटी है। इसके साथ ही गिरोह के दूसरे परीक्षाओं में इस तरह की संलिप्तता को लेकर भी जांच कर रही है। इस पूरे प्रकरण में सबसे बड़़ा सवाल ये सामने आ रहा है कि क्या आयोग के अंदर किसी अधिकारीए कर्मचारी के मिलीभगत से ये संभव है। ऐसे में आयोग की भूमिका पर भी सवाल खड़ा हो रहा है।