RBI के फैसले से खुश हुई जनता, नहीं बढ़ी आपके लोन की EMI… 25 लाख के लोन पर देने होंगे इतने रुपये

People are happy with the decision of RBI, EMI of your loan has not increased... You will have to pay this much money for a loan of Rs 25 lakh.
People are happy with the decision of RBI, EMI of your loan has not increased... You will have to pay this much money for a loan of Rs 25 lakh.
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RBI Repo Rates Update: आरबीआई ने आज मॉनेटरी पॉलिसी मीटिंग (rbi monetary policy) का फैसला सुना दिया है. रिजर्व बैंक ने रेपो रेट्स में कोई भी बदलाव नहीं किया है. नीतिगत दरों को लगातार 7वीं बार स्थिर रखा गया है. अगर रिजर्व बैंक रेपो रेट्स (Repo Rates) में बदलाव करता है तो इसका सीधा असर आपके लोन पर होता है. आसान भाषा में बोले तो आपकी ईएमआई (Loan EMI) बढ़ जाती है. अगर आपने भी होम लोन, ऑटो लोन या फिर किसी भी तरह का लोन ले रखा है तो जान लें कि आपकी EMI में अब कितना बदलाव होने वाला है.

आरबीआई ने रेपो रेट्स को 6.5 फीसदी पर स्थिर रखा है.

रिजर्व बैंक की तरफ से रेपो रेट्स की दरें जारी कर दी गई हैं. लगातार 7वीं बार रेपो रेट्स में कोई बदलाव नहीं किया गया है. अगर आपने भी लोन ले रखा है तो आप यहां पर पूरी कैलकुलेशन देखिए कि आपकी EMI कितनी बदल गई है –

20 साल के लिए लिया है लोन

>> मान लीजिए आपने 20 साल के लिए 25 लाख रुपये का होम लोन लिया है और अब आप 8.60 फीसदी की दर से लोन का भुगतान कर रहे हैं. इस स्थिति में आपकी मंथली EMI करीब 21,854 रुपये की बनेगी. रेपो रेट्स की दरें नहीं बदलने से आपके लोन की ईएमआई में भी कोई बदलाव नहीं होगा.

>> इसके अलावा अगर आपने 8.60 फीसदी की दर से 40 लाख रुपये का लोन 20 सालों के लिए लिया है तो इस हिसाब से आपकी ईएमआई 34,967 रुपये होगी. इस हिसाब से आपके लोन की ईएमआई पहले जितनी ही रहेगी.

बैंक और फाइनेंस कंपनियां करती हैं ब्याज दरों की समीक्षा

आपको बता दें रिजर्व बैंक के फैसले के बाद हाउसिंग फाइनेंस कंपनियां और बैंक अपने ब्याज दरों की समीक्षा करते हैं, जिसके बाद लोन की दरों को रिवाइज किया जाता है. ऐसी स्थिति में आपके लोन की ईएमआई कम या ज्यादा हो जाती है.

रेपो रेट्स के घटने या बढ़ने का असर बैंकों के लोन की ब्याज दरों पर पड़ता है. आरबीआई की तरफ से रेपो रेट्स बढ़ने से बैंक होम लोन, ऑटो लोन और पर्सनल लोन समेत सभी तरह के लोन को महंगा कर देता है. यानी सीधी सी बात है ब्याज दरों में इजाफा कर दिया जाता है… वहीं, अगर रिजर्व बैंक रेपो रेट्स की दरों में कटौती करता है तो इससे लोन के ब्याज की दरें भी कम हो जाती हैं.