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Wrestlers Protest: नए संसद भवन की तरफ बढ़ रहे प्रदर्शनकारी पहलवानों को सुरक्षाबलों ने हिरासत में लिया है. ‘महिला सम्मान महापंचायत’ से पहले जंतर-मंतर पर प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच काफी देर हुई झड़प के बाद पहलवान विनेश फोगट, साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया समेत अन्य प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया गया. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने देश को सम्मान दिलाने वाले खिलाड़ियों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई को गलत और निंदनीय बताया.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पुलिस द्वारा प्रदर्शनकारी पहलवानों को घसीट कर जंतर-मंतर पर हिरासत में लेना गलत और निंदनीय है. उन्होंने खिलाड़ियों के खिलाफ कार्रवाई की निंदा करते हुए कहा, “जो देश के लिए सम्मान और प्रशंसा लाते हैं, उनके साथ गलत व्यवहार किया जा रहा है”.इससे पहले पहलवान विनेश फोगट ने आरोप लगाया था कि आज नए संसद भवन में आयोजित महिला सम्मान महापंचायत से पहले प्रदर्शनकारी पहलवानों के समर्थकों को हिरासत में लिया गया. अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में उन्होंने कहा कि ‘लोकतंत्र की सरेआम हत्या की जा रही है.’ उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्र याद रखेगा कि कैसे “नई संसद के उद्घाटन के दौरान अपने अधिकारों की मांग करने वाली महिलाओं को दबाया गया था”.
देश का मान बढ़ाने वाले हमारे खिलाड़ियों के साथ ऐसा बर्ताव बेहद ग़लत एवं निंदनीय। https://t.co/hoKX2ewlli
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) May 28, 2023
नई संसद के लिए पहलवानों के विरोध मार्च से पहले, सिंघू, टीकरी और गाजीपुर सहित दिल्ली की सीमाओं पर सुरक्षा बढ़ा दी गई थी. दिल्ली पुलिस ने कहा कि उन्हें प्रदर्शनकारियों को खाप पंचायत में शामिल होने से रोकने के लिए कहा गया है. पुलिस अधिकारी ने कहा कि हम अभी तक किसी को हिरासत में नहीं ले रहे हैं. हम किसानों को जाने के लिए कहेंगे क्योंकि उनका विरोध नए संसद भवन के उद्घाटन में खलल डालेगा.
इस बीच, पुलिस ने बीकेयू हरियाणा के प्रमुख गुरनाम सिंह चादुनी समेत हरियाणा के कई किसान नेताओं को उनके घरों में नजरबंद कर दिया. वे विरोध करने वाले पहलवानों के समर्थन में दिल्ली मार्च करने वाले थे. पुलिस ने कहा कि जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करने से किसी को कभी नहीं रोका गया, लेकिन अवैध गतिविधियों की सराहना नहीं की जाएगी.पुलिस की कार्रवाई पर पहलवान साक्षी मलिक ने आज के दिन को भारतीय खेलों के लिए दुखद बताया. उन्होंने एक ट्वीट में कहा कि जहां पहलवानों को सड़कों पर घसीटा जा रहा है, वहीं यौन उत्पीड़न के आरोपी और डब्ल्यूएफआई प्रमुख बृजभूषण संसद में बैठे हैं.
स्पेशल सीपी (लॉ एंड ऑर्डर) दीपेंद्र पाठक ने कहा, “उन्होंने (प्रदर्शनकारी पहलवान) बैरिकेड्स तोड़ दिए और पुलिस द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन नहीं किया. उन्होंने कानून तोड़ा. उन्हें संसद के उद्घाटन के बारे में अवगत कराया गया.” वे फिर भी संसद की ओर मार्च करते रहे. यह देश की शांति के खिलाफ है. हमें उन्हें रोकना और हिरासत में लेना पड़ा. हम प्रक्रिया के अनुसार कानूनी कार्रवाई कर रहे हैं. जंतर-मंतर पर विरोध करने से किसी को कभी नहीं रोका गया लेकिन उनकी अवैध गतिविधियों की सराहना नहीं की जाएगी.