प्रयागराज। उमेश पाल की हत्या के बाद से उनका परिवार दहशत में है। परिवार वालों की सुरक्षा के लिए उमेश के आवास के आसपास दर्जनों पुलिसकर्मी एवं पीएसी के जवान आधुनिक हथियारों के साथ तैनात हैं। बावजूद इसके उमेश की बूढ़ी मां,पत्नी एवं बच्चे घर से नहीं निकल रहे हैं।
उमेश पाल और उनके गनरों की हुई हत्या के बाद अपराधियों के इरादे को भांपते हुए उनके बच्चों ने स्कूल जाना बंद कर दिया है। उमेश की पत्नी जया पाल ने घर के एक कमरे में बूढ़ी सास शांति पाल और चार बच्चों के साथ खुद को कैद कर लिया है। घर आने वालों से जया पाल और शांति पाल इसी कमरे में मुलाकात करती हैं। दहशत इस कदर हावी है कि ये लोग बच्चों का नाम, स्कूल का नाम, क्लास भी बताने से कतरा रहे हैं।
उमेश की मां शांति पाल कहती हैं कि जब अतीक के गुर्गे घर में घुसकर गोली मार सकते हैं तो स्कूल आते-जाते बच्चों को क्या वे छोड़ेंगे। उनका इरादा मेरे परिवार को खत्म करना है। इसलिए बच्चों को घर से निकलने नहीं दे रही हूं। सरकार से सुरक्षा मांगने के सवाल पर जया पाल ने कहां कि हमने सरकारी गनर की मांग ही नहीं कि क्योंकि उन हत्यारों के लिए ये सब मायने नहीं रखता। दो सुरक्षा गार्ड तो उनके साथ भी तैनात थे लेकिन हजारों किलोमीटर दूर जेल में बैठे अतीक ने हत्या करा दी।
परिजनों का कहना है कि जब तक अतीक जिंदा रहेगा तब तक परिवार और हमारा समाज असुरक्षित है। उमेश पाल के चार बच्चे हैं, जिनमें से दो स्कूल जाते हैं। बड़ी बेटी सातवीं कक्षा में और दूसरा बेटा पांचवीं में है। दोनों की परीक्षा चल रही है, लेकिन डर की वजह से ये बच्चे घर में बैठे हैं।