कैदी नंबर 8959: आर्थर रोड जेल में संजय राउत की नई पहचान, जानिए कैसी चल रही है जिंदगी

Prisoner number 8959: Sanjay Raut's new identity in Arthur Road Jail, know how life is going
Prisoner number 8959: Sanjay Raut's new identity in Arthur Road Jail, know how life is going
इस खबर को शेयर करें

मुंबई. शिवसेना सांसद संजय राउत की रातें आजकल आर्थर रोड जेल में करवट बदलते कट रही हैं. जेल में उन्हें दस बाय दस का एक अलग बैरक मिला है, जिसमे अलग से शौचालय और स्नानगृह भी है. उन्हें बिस्तर और पंखा भी मिला है. सुरक्षा कारणों से उन्हें अलग बैरक में रखा गया है. इतना ही नहीं, उनके बैरक के आसपास भी सुरक्षा-व्यवस्था मजबूत रहती है. जेल में शिवसेना सांसद की पहचान कैदी नंबर 8959 है. संजय राउत की रात अगर करवट बदलते बीत रही है, तो दिन के समय वे जेल में खुद को व्यस्त रखते हैं. दरअसल राउत जेल में रहकर भी समाचार माध्यमों से महाराष्ट्र की राजनीति की सारी जानकारी रखते हैं.

जेल प्रशासन से उन्होंने नोट बुक और पेन की डिमांड की थी, जिसे मंजूर कर लिया गया और अब दिन में अक्सर वो कुछ लिखते रहते हैं. यही नहीं, उन्होंने कई किताबों की भी डिमांड की थी जिसे उन्हें उपलब्ध कराया गया है. अब दिन भर वो या तो लिखते हैं या किताबें पढ़ते रहते हैं. परिवार के लोगों के सिवा किसी और को संजय राउत से मिलने की अनुमति नहीं है. जेल की नियमावली के मुताबिक परिवार के सदस्य ही उनसे मिल सकते हैं. पिछले दिनों कुछ सांसद और विधायक राउत से मिलने गए थे, लेकिन उन्हें शिवसेना सांसद से मिलने की इजाजत जेल प्रशाशन ने नहीं दी. हालांकि, जेल में खाना और दवाएं उन्हें घर से कोर्ट के आदेश पर दी जा रही हैं.

कथित धनशोधन मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा गिरफ्तार किए गए शिवसेना सांसद संजय राउत को आठ दिन बाद बीते सोमवार को एक विशेष पीएमएलए अदालत ने 22 अगस्त तक यानी 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया. पीएमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश एम.जी. देशपांडे ने राउत को न्यायिक हिरासत में भेजने का फैसला तब दिया, जब ईडी ने सूचित किया कि उसे 1,034 करोड़ रुपये के घोटाले की जांच के लिए राउत की अतिरिक्त हिरासत की जरूरत नहीं है.

ईडी ने 31 जुलाई को भांडुप में संजय राउत के आवास पर छापा मारा था, जिसके बाद एजेंसी ने उन्हें हिरासत में ले लिया था. अगले ही दिन शिवसेना सांसद को गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन द्वारा गोरेगांव के पात्रा चॉल के पुनर्विकास परियोजना से उत्पन्न कथित धन-शोधन मामले के संबंध में 1 अगस्त को तड़के गिरफ्तार किया गया था.