नई दिल्ली। लखीमपुर खीरी मामले में सरकार के साथ समझौता कराने में सफल रहे भारतीय किसान यूनियन के नेता और कृषि बिलों के विरोध में किसान आंदोलन के अगुवा चौधरी राकेश टिकैत सोशल मीडिया पर लोगों के निशाने पर आ गये है। टिविटर पर लोग अब समझौते को लेकर सवाल पूछ रहे है।
लखमपुर खीरी में हुई घटना पूरे देश में चर्चा का विषय बनी हुई है। पूरे देश के नेता चाहे वो किसी भी पार्टी का हो लखमपुर खीरी की ओर दौड रहा है। इस बीच घटना के 24 घंटे के अंदर ही भाकियू नेता और किसान आंदोलन के अगुवा राकेश टिकैत ने इस मामले में समझौता कराकर मामला शांत कर दिया। लखीमपुर खीरी में शांति बहाली की कोशिश ही अब किसान नेता राकेश टिकैत के लिये मुसीबत का सबब बनती साबित हो रही है। सोशल मीडिया पर लोग तरह-तरह के पोस्ट करके सवाल पूछ रहे है। टिविटर पर समझौते को लेकर राकेश टिकैत की भूमिका पर तरह-तरह के सवाल हो रहे है।
आप नीचे ऐसे ही कुछ टिविट देख सकते है:=
ज़ब कोई नेता लखीमपुर नहीं पहुंच पाता, लेकिन राकेश टिकैत आसानी से लखीमपुर पहुंच जाते हैं.
सरकार और किसानों के बीच समझौता कराते हैं और प्रदर्शन खत्म हो जाता है.
सब कुछ कितना सरल है. बिल्कुल सरकार के हिसाब का.🤔
पूछता है उत्तरप्रदेश— अभिषेक बाजपेयी अमेठी वाले (@Abhiamethiha) October 5, 2021
सबसे बड़ा सवाल आपसे है @RakeshTikaitBKU ji. हक़ीक़त आपको पता है। बगैर किसी ठोस कार्रवाही केआपने प्रशासन के साथ समझौता क्यों किया? इस वीडियो के बाद मोनू मिश्र की गिरफ्तारी के अलावा कोई रास्ता नहीं बचता? @ajaymishrteni को बर्खास्त करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचता @PMOIndia जी।
— Abhisar Sharma (@abhisar_sharma) October 4, 2021
@RakeshTikaitBKU जी..मुआवजा ही न्याय है ?..यही रीति बना दीजिये..देश में ना अमीरज़ादों की कमी है ना थार गाड़ियों की..किसानों की आय दोगुनी कराने का अच्छा तरीका है.. https://t.co/rE0uVdrJnL
— Pragya Mishra (@PragyaLive) October 5, 2021
सबसे बड़ा सरकार का दलाल यह @RakeshTikaitBKU है जो किसानों के आंदोलन को कमज़ोर करने के लिए अंदर छिप कर बैठा है… यही है गद्दार 😡😡😡#राकेश_टिकैत_गद्दार_है https://t.co/JcqlTDHErI
— Amit Khanna (@amit_3773) October 5, 2021
किसान नेता राकेश टिकैत को इस नरसंहार की भयावहता के बारे में ज़रूर बताया गया होगा , इसके बावजूद हत्यारों की गिरफ़्तारी से पहले ही किसान नेताओं ने 24 घंटे में समझौता क्यों और कैसे कर लिया ? ये सवाल टिकैत से पूछा जाना चाहिए। pic.twitter.com/k7g52kt9cH
— Vinod Kapri (@vinodkapri) October 4, 2021
राकेश टिकैत बिकाऊ है https://t.co/9Qlh75phXX
— Rawbinhood (@Rawbinhud) October 5, 2021
क्या राकेश टिकैत को एक सोची समझी साजिश के तहत किसान आंदोलन को तोड़ने के लिए भेजा गया है ? अन्य किसान नेताओं की अनदेखी कर टिकैत को गोदी मीडिया द्वारा अत्यधिक कवरेज देना तथा केन्द्र सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा उनके प्रति अत्यधिक नरमी का व्यवहार यही संकेत देते हैं । जयहिंद ।
— Prakash Singh Bisen (@Prakasj91568011) October 5, 2021
टिकैत देख ये उस शहीद की बहिन है जिसे कुचल कर मंत्री के बेटे ने मार डाला ये नहीं चाहती की उसके भाई का अंतिम संस्कार आनन फानन में हो तू ज़रदस्ती दबाव क्यों बना रहा है इन पर pic.twitter.com/SbfGHB1ubh
— Vasundhra Chauhan (@Dilsedesh) October 5, 2021
सत्य क्रूर और नंगा होता है
क्या यही वजह है कि राकेश टिकैत ने लखीमपुर खीरी काण्ड पर बिना किसी नौटंकी के समझौता कराया
क्या टिकैत की राजनीति भी प्रभावित हो रही थी— सुनील मिश्र (@SunilMi33380978) October 5, 2021
@RakeshTikaitBKU आपके मुँह मे दही जमा हुआ है क्या… आप चुप क्यों है महोदय.. विचलित कर देने वाली वीडियो वायरल होने के बाद से आपने अभी तक कोई message नही किया अभी तक.. क्यों.. किसलिए… राकेश टिकैत जी.. क्या आप भी धीरे धीरे दूसरे अन्ना हज़ारे बनने की कोसिस कर रहे है
— Hemraj Meena (@HemrajM65105568) October 5, 2021
ऐसा बहुत कम बार ही होता हैं जब किसी एक मुद्दे पे पूरा विपक्ष एक साथ हो और सरकार बैकफुट पे हो ।
जहाँ चौतरफा इस्तीफे होने चाहिए थे वहां टिकैत साहब समझौते करने लगे और राकेश टिकैत साहब ये वही योगी सरकार हैं जो आपको अंदर करने जा रही थी और लट्ठ की तैयारी थी और आज उसी सरकार को आप बचाने
— Er.Parma Yaduvanshi (@ParmaYaduvanshi) October 4, 2021
आज मोदी का लखनऊ दौरा है, इससे पहले ही इतने बडे घटना को किस तरह से बीजेपी ने मैनेज कर लिया!
सब नेता हाउस अरेस्ट, हिरासत और नजरबंद हुए बस राकेश टिकैत जी वहां पर जा सकते थे!, बाकि कोई नेता लखीमपुर नही जायेगा यह समझौता में भी बोला गया।
— Noratram Loroli (@NoratramLoroli) October 5, 2021
ज़ब कोई नेता लखीमपुर नहीं पहुंच पाता, लेकिन राकेश टिकैत आसानी से लखीमपुर पहुंच जाते हैं.
सरकार और किसानों के बीच समझौता कराते हैं और प्रदर्शन खत्म हो जाता है.
सब कुछ कितना सरल है. बिल्कुल सरकार के हिसाब का.🤔
पूछता है उत्तरप्रदेश— अभिषेक बाजपेयी अमेठी वाले (@Abhiamethiha) October 5, 2021
प्रियंका गांधी, चंद्रशेखर आजाद, शिवपाल यादव, अखिलेश यादव, जयंत चौधरी को लखीमपुर पहुंचने से पहले ही हिरासत में ले लिया गया. लेकिन सिर्फ एक 'नेता' वहां पहुंचे, वह थे राकेश टिकैत!!! #RakeshTikait #PriyankaGandhi #AkhileshYadav #JayantChaudhary #shivpalyadav
— deepak ashar (@ashardeepak) October 5, 2021
राकेश टिकैत को उनके जानने वाले हमेशा धूर्त मानते थे। उन्होंने अपने हालिया कदमों से बीजेपी के हाथों में खेला है।
— Sudhanshu (@sudhanshu0694) October 5, 2021