राहत की खबर.. पिछले दस महीने के सबसे निचले स्तर पर महंगाई, सस्ती हो गईं ये चीजें

Relief news... Inflation at lowest level in last ten months, these things became cheaper
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Consumer Price Index: लोकसभा चुनावों के बीच अर्थव्यवस्था से एक राहत की खबर सामने आई है. उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति की दर मार्च में घटकर दस महीने के निचले स्तर 4.85 प्रतिशत पर आ गई. हालांकि खाद्य पदार्थों की खुदरा महंगाई दर 8.27 फीसदी (फरवरी में 8.66 प्रतिशत) के ऊंचे स्तर पर रहने से आम लोगों को ज्यादा राहत नहीं मिली है. लेकिन कई चीजों के रेट जरूर सस्ते हुए हैं.

असल में फरवरी में खुदरा महंगाई 5.09 प्रतिशत और जनवरी में 5.1 प्रतिशत थी. सांख्यिकी मंत्रालय द्वारा शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, खाद्य तेलों के दाम में गिरावट का रुख मार्च में भी जारी रहा और मार्च 2023 के मुकाबले इसमें 11.72 प्रतिशत की नरमी रही. लेकिन, सब्जियों के दाम 28.34 प्रतिशत बढ़ने से आम गृहणियों का बजट गड़बड़ा गया. दालों के दाम 17.71 प्रतिशत बढ़े. मसालों की महंगाई दर 11.4 फीसदी रही.

खुदरा महंगाई में नरमी की मुख्य वजह ..
मार्च में अनाज 8.37 प्रतिशत, अंडे 10.33 प्रतिशत, मांस-मछली 6.36 फीसदी महंगी हुई. दूध के दाम भी 3.38 फीसदी बढ़े. खुदरा महंगाई में नरमी की मुख्य वजह ईंधन एवं बिजली के दाम मार्च 2023 के मुकाबले 3.24 प्रतिशत कम होना रहा. केंद्र सरकार ने आम चुनाव से पहले एलपीजी और पेट्रोल की कीमतों में कटौती की थी. खुदरा महंगाई अभी भी आरबीआई के मध्यावधि लक्ष्य चार प्रतिशत से ऊपर है और यही मुख्य कारण है कि केंद्रीय बैंक ने विकास को गति देने के लिए ब्याज दरों में कटौती नहीं की है.

मार्च में खुदरा महंगाई दर (CPI) 5.09% से घटकर 4.85% (MoM)
CPI कोर महंगाई दर 3.4% से घटकर 3.3% (MoM)
मार्च में खुदरा महंगाई 10 महीने के निचले स्तर पर
खाद्य महंगाई दर 8.66% से घटकर 8.52% (MoM)
ग्रामीण महंगाई 5.34% से बढ़कर 5.45% (MoM)
शहरी महंगाई दर 4.78% से घटकर 4.14% (MoM)
कपड़े, जूते-चप्पल महंगाई 3.14% से घटकर 2.97% (MoM)
सब्जियों की महंगाई दर 30.25% से घटकर 28.34% (MoM)
हाउसिंग महंगाई दर 2.88% से घटकर 2.77% (MoM)
दालों की महंगाई दर 18.90% से घटकर 17.71% (MoM)
बिजली, ईंधन महंगाई दर -0.77% से घटकर -3.24% (MoM

मुद्रास्फीति नियंत्रित रखने की कोशिश..
आरबीआई स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए मुद्रास्फीति को नियंत्रण में रखना चाहता है और उसने अपनी द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षाओं में लगातार सात बार रेपो दर को 6.5 फीसदी पर स्थिर रखा है. आरबीआई ने 5 अप्रैल को अपनी मौद्रिक नीति समीक्षा में कहा था कि उसे उम्मीद है कि इस साल सामान्य मानसून को देखते हुए 2024-25 में मुद्रास्फीति घटकर 4.5 प्रतिशत पर आ जाएगी.

खाद्य उत्पादों की कीमतों में नरमी आने से मार्च में खुदरा मुद्रास्फीति घटकर पांच महीनों के निचले स्तर 4.85 प्रतिशत पर आ गई. शुक्रवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों में यह जानकारी दी गई. उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित मुद्रास्फीति फरवरी में 5.09 प्रतिशत थी जबकि मार्च, 2023 में यह 5.66 प्रतिशत पर रही थी. मार्च में खुदरा मुद्रास्फीति पांच महीनों के निचले स्तर पर रही है.

इसके पहले अक्टूबर, 2023 में यह 4.87 प्रतिशत रही थी. राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के आंकड़ों के मुताबिक, मार्च में खाद्य उत्पादों की महंगाई दर 8.52 प्रतिशत रही जबकि एक महीने पहले फरवरी में यह 8.66 प्रतिशत थी. सरकार ने रिजर्व बैंक को खुदरा मुद्रास्फीति को चार प्रतिशत (दो प्रतिशत कम या अधिक) पर सीमित रखने का दायित्व सौंपा हुआ है.