राजस्थान में मिली सोने की नदी, मिट्टी भी ढाई सौ करोड़ की

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जयपुर। झुंझुनूं जिले के खेतड़ी कस्बे में पहाड़ियों के बीच 56 साल पुरानी नदी इतनी गहरी है कि कई पहाड़ इसमें धंस चुके हैं। 56 वर्षों में यहां इतने कीमती मेटल्स निकल चुके हैं कि अब यहां की मिट्टी भी सोने के भाव बिक रही है। तकरीबन 8 किलोमीटर में फैली इस मिट्‌टी की कीमत 250 करोड़ तक पहुंच चुकी है। एक विदेशी एजेंसी के सर्वे में भी यहां सोना होने की पुष्टि हो चुकी है।

नदी के बनने की कहानी भी कम दिलचस्प नहीं है। कॉपर माइंस से निकलने वाले तांबे के वेस्ट को यहां पाइप के जरिए छोड़ा जाता है। इस वजह से यहां सोने-चांदी के कई मिनरल जमा हो गए और एक पूरी नदी बन गई। देखने में भले ही यह कचरा लगता हो, लेकिन इसकी कीमत करोड़ों में है।

सुबह सूरज की पहली किरण के साथ ही नदी सोने सी चमकने लगी। भास्कर टीम ने यहां सुबह से देर शाम तक फोटो क्लिक किए और वीडियो बनाए।
सुबह सूरज की पहली किरण के साथ ही नदी सोने सी चमकने लगी। भास्कर टीम ने यहां सुबह से देर शाम तक फोटो क्लिक किए और वीडियो बनाए।
भास्कर टीम को नदी तक पहुंचने के लिए चार किलोमीटर के कच्चे रास्ते से गुजरना पड़ा। यहां चारों तरफ गंदा पानी नजर आ रहा था। नदी की दलदली सतह पर चलने लगे तो पैर धंस गए। टीम के साथी एक-दूसरे के हाथ पकड़ एक किलोमीटर अंदर तक गए। भास्कर टीम ने यहां सुबह से देर शाम तक रुक कर सूर्योदय और सूर्यास्त के फोटो क्लिक किए और वीडियो बनाए।

10 किलोमीटर लम्बी पाइप लाइन से आता है वेस्ट
खेतड़ी की कॉपर माइंस की खोज जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (GSI) और इंडियन ब्यूरो ऑफ माइंस (IBM) के जियोलॉजिस्ट ने की थी। HCL कंपनी ने इस खदान में काम करना शुरू किया था। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने फरवरी 1975 में इस खान को देश को समर्पित किया था।