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चंडीगढ़ : हरियाणा में सरकार ने प्रदेश में पराली जलाने के 350 हॉटस्पॉट को चिन्हित किया है। यहां निगरानी के खातिर नंबरदारों की तैनाती की गई है। साथ ही हर साल की तरह सैटेलाइट के माध्यम से भी पराली जलाने की घटनाओं पर निगरानी रखी जा रही है। कृषि विभाग की रिपोर्ट में जिन 13 जिलों को पराली जलाने के मामलों में चिन्हित किया गया है, उनमें करनाल, कैथल, कुरुक्षेत्र, पंचकूला, अंबाला, सिरसा, फतेहाबाद, यमुनानगर, पलवल, पानीपत, जींद, सोनीपत और रोहतक शामिल हैं।
प्रदेश में ये जिले ही धान के उत्पादक हैं और शेष जिलों में धान की बिजाई कम की जाती है। विभाग ने एक हजार गांवों की सूची तैयार की गई है। इनमें से 350 ऐसे गांव हैं, जो पराली जलाने के मामले में हॉटस्पॉट हैं। इसके अलावा, 650 ऐसे गांव हैं, जहां पराली जलाने के मामले कम होते हैं। हर साल की तरह हरियाणा अंतरिक्ष उपयोग केंद्र (हरसेक) सैटेलाइट के माध्यम से पराली जलाने के मामलों पर निगरानी रख रहा है। साथ ही कृषि विभाग की टीमें भी खुद फील्ड में रहेंगी। हरियाणा में इस बार 13.50 लाख हेक्टेयर में धान की बिजाई की गई है।
आज पंचकूला में होगा मंथन
प्रदूषण स्तर कम लाने और धान के सीजन में पराली जलाने के मामलों में कमी लाने के लिए शुक्रवार को पंचकूला के पीडब्ल्यूडी विश्राम गृह में कार्यशाला होगी। इसमें नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के चेयरमैन जस्टिस आदर्श कुमार भी शिरकत करेंगे। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल समेत कृषि और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी भी इसमें शामिल रहेंगे। धान के सीजन से पहले यह काफी महत्वपूर्ण कार्यशाला होगी। इसमें हरियाणा सरकार पराली जलाने से रोकने को लेकर की गई तैयारियों की प्रस्तुति भी एनजीटी के सामने प्रस्तुत करेगी। वहीं, एनजीटी चेयरमैन भी प्रदेश को सुझाव और निर्देश देंगे।
हर साल पराली बनती है मुद्दा
हर साल अक्तूबर से दिसंबर माह तक पराली जलाने को लेकर विवाद होता है। दिल्ली सरकार इसके लिए हरियाणा और पंजाब के किसानों को जिम्मेदार ठहराती रही है। पराली जलाने से दिल्ली और एनसीआर के क्षेत्र में प्रदूषण स्तर इस कदर बढ़ जाता है कि लोगों का सांस लेना दूभर हो जाता है। प्रदूषण कम करने को लेकर हर साल एनजीटी संबंधित प्रदेशों की बैठक लेकर निर्देश भी जारी करती है। इस बार में एनसीआर में 1 अक्तूबर से कोयले से चलने वाले उद्योगों को और जनरेटर चलाने पर पाबंदी लगाई गई है।
पराली जलाने से रोकने को लेकर हरियाणा सरकार ने कमर कस ली है। गांव, ब्लॉक और जिला स्तर पर नोडल अधिकारी नियुक्त कर दिए हैं। जिलास्तर पर कंट्रोल रूम होगा। किसानों को जागरूक भी किया गया है और पराली जलाने वालों के खिलाफ जुर्माने समेत सख्ती का भी प्रावधान किया है। खेतों फिजिकली और सैटेलाइट से नजर रखी जाएगी। पराली प्रबंधन के लिए किसानों को तमाम विकल्प दिए हैं। हमारी पूरी कोशिश रहेगी, पिछले साल के मुकाबले पराली जलाने के मामले कम हों। -हरदीप सिंह, महानिदेशक, कृषि विभाग।