देहरादून: अभिभावकों की जेब पर हर बार नया शिक्षा सत्र भारी पड़ता है। इस बार भी किताब-कापी, ड्रेस, फीस संग स्कूल वैन का किराया बढ़ाने की तैयारी है। इस मामले में स्कूल वैन एसोसिएशन अध्यक्ष सचिन गुप्ता ने कहा कि इस बार पेट्रोल-डीजल के दाम नहीं बढ़े हैं। बीमा और फिटनेस के साथ अन्य खर्चे बढ़े हैं इसलिए अभिभावकों पर 10 से 12 प्रतिशत का भार बढ़ सकता है। वैन संचालकों ने 25 से 30 फीसदी तक किराया बढ़ाने की तैयारी कर दी है। नया किराया एक अप्रैल से लागू होगा। शहर में कई छोटे-बड़े स्कूल हैं। ज्यादात्तर अभिभावकों ने बच्चों को घर से स्कूल और स्कूल से घर छोड़ने के लिए वैन लगवा रखी हैं। यहां करीब 500 स्कूल वैन हैं। वैन संचालक अभिभावकों से प्रति महीने किराया लेते हैं। किराया दूरी के हिसाब से तय है। अभीतक न्यूनतम 1500 से अधिकतम 3000 रुपये तक किराया तय है। अब इसमें 25 से 30 फीसदी तक बढ़ोतरी की तैयारी है। ऐसे में किराया न्यूनतम किराया 2000 और अधिकतम 3900 रुपये तक हो जाएगा।
देहरादून स्कूल वैन एसोसिएशन के अध्यक्ष राजीव बजाज ने कहा कि हर चीज की महंगाई बढ़ रही है। बीमा, फिटनेस, वाहन मरम्मत महंगी हो गई है। ऐसे में हमें 25 से 30 फीसदी तक किराया बढ़ाना होगा। नया किराया एक अप्रैल से लागू होगा। इस मामले में उत्तराखंड स्कूल वैन एसोसिएशन के अध्यक्ष सचिन गुप्ता ने कहा कि इस बार डीजल और पेट्रोल के दाम नहीं बढ़े। बीमा, फिटनेस और अन्य खर्चे थोड़े-बहुत बढ़े हैं। अभिभावकों की जेब पर ज्यादा भार न पड़े, इसलिए 10 से 12 फीसदी तक ही किराया बढ़ाएंगे।
देहरादून के आरटीओ ( प्रवर्तन) शैलेश तिवारी ने कहा कि स्कूल वैन का किराया तय नहीं है। किराया तय करने को पहले अध्ययन करना होगा। इस पर विचार कर मुख्यालय को प्रस्ताव भेजा जाएगा। यदि किराया तय करने के दिशा-निर्देश मिलते हैं तो तय किया जाएगा।