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स्क्रब टाइफस के प्रति लापरवाही खतरनाक हो सकती है। हिमाचल प्रदेश में इस वर्ष जनवरी से लेकर अब तक स्क्रब टाइफस के लिए 4382 टेस्ट किए गए। इनमें से 648 लोग पॉजिटिव पाए गए। इस दौरान स्क्रबटाइफस से छह लोगों की मौत भी हुई है। डेंगू और चिकनगुनिया के मामले जहां शहरी क्षेत्रों में आ रहे हैं। वहीं स्क्रब टाइफस के मामले अधिकतर गांवों में सामने आ रहे हैं। स्क्रब टायफस एक बैक्टीरिया का संक्रमण है और इसके लक्षण चिकनगुनिया जैसे ही होते हैं।
इस बीमारी में सिर दर्द, सर्दी लगना, बुखार, शरीर में दर्द और तीसरे से पांचवें दिन के बीच शरीर पर लाल दाने जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। यह रोग कीड़ों के काटने से फैलता है। संक्रमित होने के बाद मरीज बहुत ज्यादा कमजोरी महसूस करता है और कुछ लोगों में जी मचलाने की भी शिकायत देखी जाती है। स्क्रब टाइफस में बुखार साज से लेकर 12 दिनों तक रहता है। बुखार बिगड़ने की स्थिति में कमजोरी और अधिक बढ़ती है। मरीज को बेहोशी और हृदय संबंधी समस्याओं का सामना भी करना पड़ता है। 40 वर्ष से अधिक आयु के 50 प्रतिशत मरीजों और 60 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के मरीजों के लिए स्क्रब टाइफस जानलेवा भी हो सकता है।