उदयपुर में फिर लगाई गई धारा-144, बिना इजाजत नहीं निकाल सकेंगे जुलूस व रैली, जानिए वजह

Section-144 imposed again in Udaipur, procession and rally will not be able to take out without permission, know the reason
Section-144 imposed again in Udaipur, procession and rally will not be able to take out without permission, know the reason
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उदयपुर. टेलर कन्हैयालाल की निर्मम हत्या के बाद देश और दुनिया में जबर्दस्त सुर्खियों में रहे उदयपुर (Udaipur) जिले में एक बार फिर से धारा-144 लगा (Section-144 imposed) दी गई है. स्वतंत्रता दिवस की संध्या पर जिला कलेक्टर ताराचंद मीणा ने इसके आदेश जारी करते हुए आगामी एक महीने के लिये जिले में रैली और जुलूस पर प्रतिबंध लगा दिया है. आदेश में बिना अनुमति के किसी भी तरह के जुलूस नहीं निकालने के लिए निर्देशित किया गया है. वहीं सरकारी इमारतों पर झंडे और पोस्टर लगाने पर भी पाबंदी लगाई गई है. जिला प्रशासन की ओर से धारा-144 लगाना फिलहाल आम जनता के गले नहीं उतर रहा है.

बीते दिनों टेलर कन्हैयालाल की क्रूरतापूर्वक की गई हत्या के बाद उपजा आक्रोश अब शांत हो चुका है. पिछले दिनों सभी बड़े त्यौहार पूरी तरह से शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुए हैं. धारा-144 लगाने के पीछे जो महत्वपूर्ण कारण माना जा रहा है उसमें जालोर में दलित बच्चे के साथ मारपीट के बाद हुई उसकी मौत को लेकर बढ़ रहे विरोध को बताया जा रहा है. इस मामले में भी मंगलवार को उदयपुर के कई प्रमुख कस्बों में विरोध प्रदर्शन किए जाएंगे. दलित संगठनों की ओर से ज्ञापन सौंपा जाएंगे.

धारा-144 के लिये ये कारण भी गिनाये जा रहे हैं
वहीं महाराणा प्रताप को लेकर विश्व आदिवासी दिवस पर दिए गए विवादित बयान पर भी राजपूत संगठन विरोध करेंगे. यही नहीं आने वाले समय में छात्रसंघ चुनाव भी होने वाले हैं. इस दौरान भी काफी गहमागहमी रहेगी. छात्र संघ चुनाव के दौरान भी प्रत्याशी अपने प्रचार के लिए पोस्टर और बैनर कई इमारतों पर लगा देते हैं. ऐसे में उदयपुर में धारा-144 लगाने के ये भी कारण माने जा रहे हैं. प्रशासन ने अपनी ओर से धारा-144 लगाने के कारण स्पष्ट नहीं किये हैं.

पुलिस भी हुई मुस्तैद, निगरानी बढ़ाई
धारा-144 लागू होने के बाद उदयपुर पुलिस भी मुस्तैद हो गई है. सद्भाव बिगाड़ने वाले या फिर असामाजिक तत्वों पर विशेष नजर रखी जा रही है. जिला कलेक्टर के आदेश में जो बंदिशें लगाई गई है उन्हें तोड़ने वालों पर सख्त कार्रवाई करने की भी तैयारी है. जिला कलेक्टर की ओर से जो आदेश जारी किए गए हैं उसके तहत बिना पूर्व अनुमति के सार्वजनिक स्थानों पर अब धार्मिक चिन्ह भी नहीं लगाए जा सकेंगे. जिला कलेक्टर का यह आदेश आगामी एक महीने तक लागू रहेगा.