घूसखोरी मामले में एसएचओ व एएसआई निलंबित, भेजे गए जेल : साढ़े तीन लाख की रिश्वत लेते एसीबी ने मंगलवार को की कार्रवाई

SHO and ASI suspended in bribery case, sent to jail: ACB took action on Tuesday taking bribe of three and a half lakhs
SHO and ASI suspended in bribery case, sent to jail: ACB took action on Tuesday taking bribe of three and a half lakhs
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जोधपुर। जोधपुर. साढे तीन लाख की रिश्वत मामले में गिरफतार सदर बाजार थाने के एसएचओ सुरेश पोटलिया और एएसआई नंदकिशोर को आज एसीबी ने कोर्ट में पेश किया। यहां से दोनों को जेल भेज दिया गया। इधर दोनों के पकड़े जाने के बाद आज परिवाद में जांच अधिकारी को भी एसीबी ने पूछताछ के लिए बुलाया। इसमें भी एसएचओ की भूमिका सामने आई। वहीं पुलिस कमिश्नर ने आदेश जारी कर रिश्वत मामले में दोनों को सस्पेंड कर दिया है।

रिश्वत के इस मामले को लेकर एसीबी की जांच में सामने आया कि परिवादी ने कार्रवाई के लिए पुलिस कमिश्नर को जो परिवाद दिया था। उसमें सदर बाजार थाने के एएसआई दलीपसिंह जांच अधिकारी थे। उसने परिवादी के बयान भी लिए थे।

उसे आज एसीबी ने पूछताछ के लिए तलब किया। एसीबी के एएसपी दुर्ग सिंह राजपुरोहित ने बताया यहां दर्ज करवाए बयान में उसने बताया कि परिवाद की जांच रिकाॅर्ड में उसके पास थी, लेकिन पकड़े जाने से एक दिन पहले एसएचओ ने परिवाद अपने कब्जे में ले ली। जो ऑफ द रिकाॅर्ड थी। उसके अधिकारी होने के चलते वो उन्हें मना भी नहीं कर सका।

पोटलिया के खिलाफ एसीबी को जुर्म प्रमाणित करने के सबूत भी मिले। इसमें सामने आया कि इस परिवाद में जो जांचकर्ता नहीं था, उससे डिमांड करवाना। दूसरा खुद जांच अधिकारी नहीं होने के बावजूद फाइल को अपने कब्जे में लेना। एसीबी ने इसे पोटलिया के खिलाफ जुर्म प्रमाणित का आधार माना।

परिवादी ने पैसे लेने के लिए इस पर एएसआई ने उसे सोजती गेट पुलिस चौकी बुलाया। इसके बाद उसने एएसआई को पैसे दिए तो उसने एएसआई को बोला आप एक बार एसएचओ से बात कराओ। इस पर नंदकिशोर ने सुरेश पोटलिया को फोन लगाया।

व्हाट्सअप पर वाॅइस काॅल में लाउडस्पीकर पर एएसआई ने एसएचओ से बात की। वहीं परिवादी से भी थानेदार ने बात की। इसमें एसचओ ने नंदकिशोर के दी गई काम की गारंटी पर अपनी गारंटी दी।

यह सारी बातचीत रिकाॅर्डर में रिकाॅर्ड हो गई। इसके तुरंत बाद दबिश देकर एसीबी ने एएसआई को रंगे हाथों दबोच लिया। दोनों को आज शाम कोर्ट में पेश किया गया। जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।

बता दें कि एसीबी की स्पेशल टीम ने मंगलवार रात सोजती गेट चौकी में दबिश देकर एएसआई नंदकिशोर को स्वर्ण व्यवसायी से 3 लाख पचास हजार रूपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा था। मामले में भूमिका सामने आने पर सदर बाजार थाने के एसएचओ सुरेश पोटलिया को भी एसीबी घर से पकड़ चौकी लाई। पूछताछ के बाद दोनों को अरेस्ट कर लिया गया।

यह था मामला

दरअसल सोने का काम करने वाले व्यवसायी का लेन देन को लेकर कुछ सटोरियों से विवाद चल रहा है। इसके चलते सटोरिये व्यवसायी को जाने से मारने की धमकी दे रहे थे और उसे परेशान भी कर रहे थे। इस मामले में दो आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर स्वर्ण व्यवसायी ने 13 मार्च को पुलिस कमिश्नर रविदत्त गौड़ को परिवाद दिया था। कमिश्नर से परिवाद पर कार्रवाई का मार्क करके सदर बाजार थाने भेजा था।

इसके बाद परिवादी को थाना अधिकारी सुरेश पोटलिया ने जांच के लिए बुलाया था। रिकाॅर्ड में इस परिवाद की जांच दलीपसिंह को दी गई, लेकिन डिमांड नंदकिशोर ने की। आरोप है कि परिवादी से थानाअधिकारी और एएसआई ने 5 लाख रूपए की रिश्वत मांगी। व्यवसायी ने पैसे कम करने के लिए मिन्नतें की तो 3 लाख 50 हजार रिश्वत राशि देने पर सहमति जताई।

इसके बाद मंगलवार रात को रिश्वत राशि देने के लिए पीड़ित को सोजती गेट चौकी बुलाया गया। जहां ऑफिस में एएसआई नंदकिशोर ने रिश्वत ली। पहले से ही तैयार एसीबी की टीम ने दबिश देकर एसआई नंदकिशोर को रंगे हाथों पकड़ लिया। उससे रिश्वत की राशि भी बरामद की गई। इसके बाद एसीबी की टीम ने एसआई की व्हाट्सएप कॉल पर थाना अधिकारी सुरेश पोटलिया से बात करवाई। बातचीत में एसआई ने पीड़ित से रिश्वत के रुपए लेने की जानकारी दी तो थाना अधिकारी ने सहमति जता दी। जिसे एसीबी ने रिकॉर्ड कर लिया।