
- अभी अभीः यूपी में इस चर्चित BJP विधायक के फ्लैट में लटकी मिली युवक की लाश, मच गया कोहराम-यहां देंखे - September 25, 2023
- यूपी: नशे की लत छोड़ने की कोशिश में इकलौता बेटा बन गया खूंखार, मां को डंडे से काटा; पिता पर भी हमला किया - September 25, 2023
- यूपी: सत्संगियों की ‘एसपीजी’ से लेकर ‘फौजी विंग’ तक तैयार, महिलाओं और बच्चों को लाठी-हथियार चलाने का प्रशिक्षण - September 25, 2023
Damoh News: दमोह का गंगा जमुना स्कूल (Ganga Jamna School) हिजाब विवाद के कारण चर्चा में है. स्कूल पर धर्मांतरण (Religious Conversion) कराने के भी आरोप लगे हैं जिसके बाद सीएम शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) ने प्रदेश भर के शिक्षण संस्थानों में संदिग्ध गतिविधियों की जांच के आदेश दिए हैं. मामले की जांच मध्य प्रदेश बाल संरक्षण एवं अधिकार आयोग ने मामले की जांच की है और जांच की रिपोर्ट राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग (National Child Protection Commission) को सौंपी है. इस रिपोर्ट में हैरान करने वाले दावे किए गए हैं.
बाल संरक्षण आयोग का कहना है कि स्कूल में मस्जिद जाने का एक गुप्त रास्ता है. स्कूल से 20 मीटर लंबा रास्ता निकलता है जो सीधे मस्जिद के सामने खुलता है. इस रिपोर्ट के बाद राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने दमोह के कलेक्टर और एसपी को चिट्ठी लिखी है और स्कूल की मान्यता रद्द करने को कहा है. उधर, कलेक्टर मयंक श्रीवास्तव का कहना है कि स्कूल की मान्यता रद्द करने का अधिकार उनके पास नहीं है, बल्कि स्कूल विभाग और कमिश्नर के पास है.
भारत के नक्शे से छेड़छाड़ के भी आरोप
प्रियंक कानूनगो ने दावा किया है कि इस गंगा जमना स्कूल में भारत के नक्शे से छेड़छाड़ की गई है. जबकि राज्य बाल संरक्षण एवं अधिकार आयोग के सदस्य ओंकाj सिंह का कहना है कि जांच पड़ताल में स्कूल के कुछ और कारनामे सामने आए हैं. स्कूल में कई जगह आयतें लिखी हुई हैं और जब मामला सामने आया तो उसपर पेंट चढ़ाकर छिपाने की कोशिश की गई. बता दें कि अब तक तीन छात्रों की शिकायत के आधार पर स्कूल प्रबंधन समिति के 11 सदस्यों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.
एक्शन में सीएम शिवराज सिंह चौहान
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने भी मामले पर संज्ञान लिया है. पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा, ‘दो बेटियों ने बयान दिए हैं, उन्हें बाध्य किया गया है. यह बहुत गंभीर मामला है, प्रकरण में एफआईआर होगी और कठोरतम कार्रवाई की जाएगी. भोले-भाले मासूम बच्चे जिन्हें समझ ही नहीं है, उन्हें पढ़ाई के लिए बुलाकर यदि इस ढंग का प्रयत्न किया जाता है, तो हम किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेंगे. जिनके ऐसे इरादे हैं,वे कठोरतम दंड पाएंगे.’