दुकानदार की बेटी बनी IAS, उत्तराखंड के इन युवाओं ने यूपीएससी में बढ़ाया प्रदेश का मान

Shopkeeper's daughter became IAS, these youths of Uttarakhand raised the prestige of the state in UPSC
Shopkeeper's daughter became IAS, these youths of Uttarakhand raised the prestige of the state in UPSC
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नई दिल्ली: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने सिविल सेवा परीक्षा के अंतिम परिणाम की आज घोषणा कर दिया है. इस परीक्षा में उत्तराखंड की 2 बेटियों ने भी टॉप किया है. इस परीक्षा में कुल 933 उम्मीदवारों को सफल घोषित किया गया है. चौंकाने वाली बात ये है कि टॉप 4 स्थान हासिल करने वाली लड़कियां हैं. UPSC द्वारा 23 मई मंगलवार को परिणाम घोषित हो गए हैं. इस परिक्षा में कुल 933 उम्मीदवार सफल हुए हैं. सफल होने वाले उम्मीदवारों में 613 पुरुष हैं और 320 महिलाएं. पहला स्थान हासिल किया है इशिता किशोर ने, दूसरे नंबर पर गरिमा लोहिया रहीं. उमा हराथी तीसरे तथा स्मृति मिश्रा चौथे स्थान पर रही हैं. शीर्ष 25 उम्मीदवारों में से 14 महिलाएं तथा 11 पुरूष हैं. 39 नंबर पर रहने वाली गरिमा नरूला उत्तराखंड की रहने वाली है. 102 नंबर पर रहने वाली कल्पना पांडे बागेश्वर की रहने वाली हैं. काशीपुर के देवव्रत जोशी की सिविल सर्विसेज परीक्षा में देश भर में 125 वीं रैंक, परिवार में खुशियों का माहौल है.

बागेश्वर जनपद के गरुड़ की रहने वाली कल्पना पांडे ने UPSC की परीक्षा में 102वां स्थान प्राप्त किया है. कल्पना की इस उपलब्धि से पूरे प्रदेश में खुशी का माहौल है. कल्पना गरुड़ के खडेरिया गांव की रहने वाली हैं. कल्पना के पिता दुकान चलाते हैं. और उनकी मां बैजनाथ में एएनएम हैं. कल्पना की प्रारंभिक पढ़ाई बागेश्वर के निजी विद्यालय से हुई है. आगे की पढ़ाई उन्होंने दिल्ली से की. कल्पना की कामयाबी से पूरे क्षेत्र में खुशी की लहर है. कल्पना की उपलब्धि पर घर वालों ने मिठाई बटवाई.

बागेश्वर के बाद रुद्रपुर की रहने वाली गरिमा नरुला ने पहले ही प्रयास में 39वीं रैंक हासिल की. रुद्रपुर के ईश्वर कॉलोनी निवासी गरिमा का यह पहला प्रयास था. और उन्होंने पहले ही प्रयास में 39वीं रैंक हासिल की. आपको बता दें कि गरिमा ने वर्ष 2017 में सीबीएसई की बोर्ड की परिक्षा में जनपद उधम सिंह नगर टॉप किया था. यूपीएससी परिक्षा में उत्तराखंड के लड़के भी पीछे नहीं हैं. इस परीक्षा में देहरादून निवासी मुकुल जमलोकी ने चौथी बार सफलता हासिल की. मुकुल की पूरे देश में 161वीं रैंक हासिल की है. वर्तमान में मुकुल सीएजी कार्यालय कोलकाता में डिप्टी अकाउंटेंट जनरल के पद पर कार्यरत हैं.

सीमांत जनपद पिथौरागढ़ के रहने वाले और वर्तमान में दून निवासी हिमांशु सामंत ने परीक्षा में 348वीं रैंक हासिल की है. वहीं मसूरी निवासी माधव भारद्वाज ने सिविल सेवा परीक्षा में 536वीं रैंक हासिल की है. इससे पहले उन्होंने यूपीपीसीएस परीक्षा में सफलता अर्जित की थी. माधव इस समय शामली में तहसीलदार के पद पर तैनात हैं.

उत्तराखंड की एक और बेटी ने प्रदेश का नाम रोशन किया है. हल्द्वानी पीलीकोठी निवासी दीक्षिता जोशी ने यूपीएससी परीक्षा में 58वीं रैंक हासिल की है. दीक्षिता की मां हिंदी विषय की प्रवक्ता है और पिता आईके पांडे नैनीताल बीडी पांडे अस्पताल में फार्मासिस्ट के पद पर तैनात हैं.