राजस्थान में फर्जी मार्कशीट बनाने वाला गिरोह सक्रिय, ऐसे हुआ बड़ा खुलासा…

The gang making fake marksheets is active in Rajasthan, this is how the big disclosure happened...
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जयपुर। राजस्थान में फर्जी मार्कशीट बनाने वाला गिरोह सक्रिय है, जो मोटी राशि लेकर बेरोजगारों की फर्जी मार्कशीट बना रहा है। यह गिरोह फर्जी मार्कशीट बनाने के लिए उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और तमिलनाडु के बोर्ड का नाम काम ले रहा है। यह मामला डाक विभाग की मुस्तैदी से सामने आया है। दरअसल, डाक विभाग में जाली दस्तावेजों के आधार पर नौकरी हासिल करने की कोशिश करने वालों पर शिकंजा कसा है। हालही में ग्रामीण डाक सेवक के पद पर कई अभ्यर्थी 10वीं की अंकतालिका लगाकर नौकरी प्राप्त करना चाह रहे थे। लेकिन, उनकी अंकतालिका देख जब विभाग को संदेह हुआ तो संबंधित बोर्ड से दस्तावेज का सत्यापन कराया गया, जिसमें अंकतालिकाएं फर्जी निकली। ऐसे में अब डाक विभाग की ओर से इन अभ्यर्थियों के खिलाफ शास्त्री नगर थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है। अब तक आठ लोगों की अंकतालिका सत्यापन में फर्जी पाई गई है। पुलिस ने इस मामले की तफ्तीश शुरू कर दी है।

जयपुर देहात मंडल के अधीक्षक डाकघर मोहन सिंह मीणा की ओर से थाने में दर्ज कराई गई रिपोर्ट में बताया गया है कि 6 मई, 2022 को डाक सेवाओं में रिक्त पदों के लिए विज्ञप्ति जारी की गई थी। जिसमें जयपुर देहात के 146 पद शामिल थे। ये पद ग्रामीण डाक सेवक के थे। इन पदों के लिए आॅनलाइन आवेदन विभाग की ओर से मांगे गए। जिसके बाद इस विज्ञप्ति में आए आवेदनों के आधार पर दस्तावेज सत्यापन के लिए अभ्यर्थियों को बुलाया गया। इनमें पांच अभ्यर्थियों के दस्तावेज पूर्व में फर्जी मिले थे, जिसकी एफआईआर दर्ज कराई गई। वहीं, अब तीन और अभ्यर्थियों की 10वीं की मार्कशीट फर्जी मिली है। ऐसे में इन तीन अभ्यर्थियों के खिलाफ भी डाक विभाग ने मुकदमा दर्ज कराया है।

इनके खिलाफ दर्ज हुआ केस
डाक विभाग ने गोविंदगढ़ के भूतेड़ा निवासी विनोद कुमार, करौली के लौहरा निवासी राजकुमार मीणा और सपोटरा निवासी शिवराम मीना के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। इसमें विनोद कुमार का चयन सामोद उप डाकघर, राजकुमार का चयन विराटनगर उप डाकघर और शिवराम मीणा का चयन तूंगा उप डाकघर के लिए हुआ था। इन तीनों की मार्कशीट फर्जी पाई गई है।

10वीं के अंकों के आधार पर चयन
बता दें कि देश के 9 राज्यों के लिए ग्रामीण डाक सेवक की विज्ञप्ति करीब 4 हजार पदों पर जारी हुई थी। जिसमें जयपुर देहात मंडल के 146 पद शामिल थे। इन पर बड़ी संख्या में लोगों ने आवेदन किया। इस भर्ती के लिए चयन 10वीं के अंकों के आधार पर होना था। माना जा रहा है कि ये अभ्यर्थी उच्च शिक्षित है, लेकिन नौकरी हासिल करने के लिए उन्होंने 10वीं की फर्जी मार्कशीट बनवाई। इन अंकतालिकाओं में बहुत ज्यादा अंक इन अभ्यर्थियों के आए हुए थे। जिन्हें देखकर विभाग को संदेह हुआ और जांच में यह फर्जीवाड़ा खुला

इनका कहना है:
‘सरकार ने विज्ञप्ति जारी की थी। जिसमें दस्तावेज जांचने के लिए बाद नियुक्ति देने का प्रावधान है। अब तक हमारे यहां 8 ऐसे अभ्यर्थी पकड़े गए हैं, जिन्होंने 10वीं की मार्कशीट लगाई है। इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है। ऐसे अभ्यर्थियों नियुक्ति नहीं दी जाएगी।’

मोहन सिंह मीणा, अधीक्षक, डाकघर, जयपुर देहात मंडल
‘डाक विभाग की ओर से मुकदमा दर्ज कराया है। इस मामले की तफ्तीश की जा रही है। इस संबंध में एक रिपोर्ट पांच लोगों के खिलाफ पूर्व में भी दर्ज कराई गई थी।’