पीएम किसान के तहत मिला पैसा अब लौटना होगा वापस, मोदी सरकार भेज रही है नोटिस

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नई दिल्ली: PM Kisan Samman Nidhi 2021 latest news: पीएम किसान सम्मान निधि स्कीम के तहत सरकार अब एक्शन ले रही है. अब इस योजना के तहत गलत तरीके से किस्त उठाने वालों की खैर नहीं. ऐसे किसानों से वसूली की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है. आपको बता दें कि विभाग ने इन अपात्र किसानों को नोटिस जारी कर पीएम किसान का पैसा जमा कराने के आदेश दिए हैं. फर्जीवाड़े में पति-पत्नी से लेकर मृतक किसान, टैक्सपेयर्स, पेंशनधारक, गलत खाते में धनराशि फंड ट्रांसफर, गलत आधार आदि के मामले शामिल हैं.

नकद जमा करनी होगी धनराशि
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत पैसे लेने वाले अपात्र किसानों को उप कृषि निदेशक कार्यालय में नकद जमा करनी होगी. धनराशि जमा करने पर उन्हें रसीद दी जाएगी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले में शासन ने 9219 अपात्र किसानों की सूची कृषि विभाग को भेजी है. बाद में विभाग शासन के खाते में ये धनराशि जमा कर ऑनलाइन पोर्टल पर फीडिंग के साथ ही किसान का डाटा डिलीट कराएगा.

मृतक किसान भी उठा रहे हैं किस्त
अपात्र लाभार्थियों की इस बड़ी संख्या में सबसे ज्यादा 3, 86,000 गलत खाते या फर्जी आधार वालों की है. दूसरे नंबर पर इनकमटैक्स पेयर्स हैं. इनकी संख्या 2,34,010 है. वहीं 32,300 लाभार्थी ऐसे हैं, जो पहले ही स्वर्ग सिधार गए हैं. इसके बावजूद हर साल 2000-2000 की तीन किस्तें उठा रहे हैं. वहीं अन्य वजह से अपात्रों की संख्या भी 57,900 है.

देश में लाखों अपात्र उठा रहे हैं किस्त
देश में 42 लाख से अधिक अपात्र लोगों ने गलत तरीके से पीएम किसान के तहत 2000-2000 रुपये की किस्त के रूप में 2,900 करोड़ रुपये का चूना सरकार को लगा चुके हैं. यह जानकारी खुद केंद्रीय कृषिमंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने संसद में एक सवाल के जवाब में दी थी. बता दें इस योजना के तहत केंद्र सरकार सालाना 6000 रुपये की राशि किसानों के खातों में 2000-2000 रुपये के तीन किस्तों में डायरेक्ट ट्रांसफर करती है.

ढाई करोड़ किसानों की किस्त पेंडिंग
पीएम किसान सम्मान निधि की अगस्त-नवंबर की 2000 की किस्त करीब 9,80,80,660 किसानों के खातों में पहुंच चुकी है. हालांकि पीएम किसान पोर्टल पर दिए गए आंकड़ों के मुताबिक इस योजना में रजिस्टर्ड किसानों की संख्या 12.13 करोड़ से ज्यादा है. यानी करीब ढाई करोड़ किसानों की किस्त अभी लटकी है.