लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बार फिर लाउडस्पीकर की बढ़ती ध्वनि को नियंत्रित कराने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि कुछ माह पूर्व सहज संवाद के माध्यम से हमने धर्मस्थलों से लाउडस्पीकर हटाये जाने की अभूतपूर्व कार्रवाई सम्पन्न की थी और लोगों ने व्यापक जनहित को प्राथमिकता देते हुए स्वतःस्फूर्त से लाउडस्पीकर हटाये. सीएम योगी ने कहा कि हाल के दिनों में जनपदीय दौरों के समय मैंने अनुभव किया है कि कुछ जिलों में पुनः यह लाउडस्पीकर लगाए जा रहे हैं. यह स्वीकार्य नहीं है और तत्काल संपर्क-संवाद कर आदर्श स्थिति बनाई जाए.
अधिकारियों को निर्देश
उत्तर प्रदेश में हाल ही में सकुशल सम्पन्न हुए नगरीय निकाय चुनाव और पर्व त्योहारों के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को एक उच्चस्तरीय बैठक में गृह विभाग की समीक्षा की. इस दौरान उन्होंने शासन स्तर के वरिष्ठ अधिकारियों तथा जिला, रेंज, जोन व मंडल स्तर पर तैनात वरिष्ठ प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बैठक कर जरूरी दिशा-निर्देश दिए.
उन्होंने जनहित के मुद्दों को प्राथमिकता देने की बात कही थी जिसके बाद लोगों ने स्वेच्छा से लाउडस्पीकर हटा दिए. इस कदम की पूरे देश में सराहना हुई थी. सीएम योगी ने कहा कि कई जिलों का दौरा करने के दौरान उन्होंने अनुभव किया है कि कुछ जिलों में दोबारा लाउडस्पीकर लगाए जा रहे हैं जो स्वीकार्य नही हैं.
अधिकारी फील्ड में जाकर सुनें समस्याएं
योगी ने यह भी निर्देश दिया कि ध्वनि प्रदूषण पर सख्ती से रोक लगाई जाए और सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों का शत-प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित किया जाए. उन्होंने अधिकारियों से शुभ कार्यक्रमों से पहले डीजे व म्यूजिक सिस्टम संचालकों से संवाद कायम करने को भी कहा. सीएम ने कहा कि किसी को भी अव्यवस्था फैलाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए.
निकाय चुनाव और ईद शांतिपूर्ण संपन्न होने के बाद योगी ने वरिष्ठ अधिकारियों को फील्ड में जाने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि हर स्तर के फील्ड में तैनात अधिकारी अपने तैनाती क्षेत्र में ही रात्रि विश्राम करें, दूसरे क्षेत्र में निवास न करें. वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा इस व्यवस्था के अनुपालन के लिए औचक निरीक्षण किया जाए. सीएम योगी ने कहा कि कई जनपदों में विकास कार्यों की गति बेहद धीमी है , ऐसे में अधिकारी जिलों में चल रहे विकास कार्यों की नियमित समीक्षा करें ताकि कार्य समयबद्ध के साथ पूरा किया जा सके. विकास कार्यों को लेकर नोडल अधिकारी तैनात कर उनकी जवाबदेही तय होनी चाहिए.
छेड़खानी करने वालों के खिलाफ लें सख्त एक्शन
सीएम योगी ने कहा कि बेटियों-महिलाओं के साथ छेड़खानी करने वाले शोहदों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई हो. ऐसे शोहदों की पहचान के लिए सक्रियता बढ़ाई जाए. पुलिस बल हर दिन फुट पेट्रोलिंग करें. वरिष्ठ अधिकारी भी फुट पेट्रोलिंग में भाग लें. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के किसी भी जनपद में अवैध टैक्सी स्टैंड, बस स्टैंड/रिक्शा स्टैंड संचालित न हों। ऐसे स्टैंड पर अवैध वसूली होने को बढ़ावा देते हैं, यह वसूली समाजविरोधी कार्यों में उपयोग होती है. जहां कहीं भी ऐसी गतिविधियां संचालित हो रही हों, उन्हें तत्काल बंद कराया जाए.
सीएम ने कहा कि मंडलायुक्त, जिलाधिकारी, पुलिस कप्तान, डीआईओएस, बीएसए, जिला पूर्ति अधिकारी जैसे जनता से सीधा जुड़ाव रखने वाले सभी अधिकारी अपने कार्यालयों में ही आम जन से मिलें, उनकी शिकायतों/समस्याओं को सुनें और मेरिट के आधार पर निस्तारित करें. कैंप कार्यालय की व्यवस्था केवल कार्यालय अवधि के उपरांत अथवा अवकाश के दिनों में ही होनी चाहिए.
जनसुनवाई के कार्यक्रमों में लाएं तेजी
सीएम ने आदेश दिया कि जनसुनवाई के कार्यक्रमों को तेजी से आगे बढ़ाया जाए और शिकायतकर्ताओं के साथ संवेदनशील व्यवहार किया जाए. उन्होंने कहा, ‘अधिकारियों को यह ध्यान रखना चाहिए कि उनका आचरण सरकार के प्रति आम आदमी के विश्वास का आधार बनता है. जनता की संतुष्टि ही आपके प्रदर्शन की उत्कृष्टता का मानक होगी.’ उच्च स्तरीय बैठक में गृह विभाग की भी समीक्षा की गई.