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वाशिंगटन: इजरायल पर किए गए हमले के बाद अब इस्लामिक देश ईरान को बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है। हमले के मद्देनजर अमेरिका और ब्रिटेन, ईरान पर प्रतिबंध लगाने की योजना में हैं। पश्चिम एशिया में युद्ध की स्थिति बनने की आशंका बढ़ने के बीच अमेरिका और ब्रिटेन, ईरान पर कड़ी कार्रवाई करने की प्लानिंग में हैं। अमेरिका में वित्त मंत्रालय के विदेशी संपत्ति नियंत्रण कार्यालय ने इस कार्रवाई में ईरान में 16 लोगों और दो संस्थानों को लक्षित किया है, जो 13 अप्रैल को इजरायल पर हुए हमले में इस्तेमाल किए गए ड्रोन को चलाने वाले इंजन के उत्पादन से जुड़े हैं।
ब्रिटेन भी सैन्य उद्योगों पर लगाएगा प्रतिबंध
वहीं, ब्रिटेन ईरान के ड्रोन और बैलिस्टिक मिसाइल उद्योगों से जुड़े कई ईरानी सैन्य संस्थानों, व्यक्तियों और निकायों को निशाना बना रहा है। अमेरिकी वित्त मंत्री जैनेट येलेन ने एक बयान में कहा, ‘‘हम आने वाले दिनों और सप्ताहों में ईरान की कार्रवाइयों के जवाब में अपनी पाबंदियां लागू करते रहेंगे।’’ अमेरिका के अधिकारियों ने इस सप्ताह चेतावनी दी थी कि वे क्षेत्र में ईरान की गतिविधियों के जवाब में और भविष्य में हमलों को रोकने के लिए नई पाबंदियों पर विचार कर रहे हैं।
ईरान को जवाब देगा इजरायल
अमेरिकी सांसद ऐसे विधेयक पर जोर दे रहे हैं जो ईरान और उसके नेताओं पर आर्थिक दंड लगाता हो। गत रविवार तड़के इजरायल पर ईरान का हमला इस महीने की शुरुआत में सीरिया में ईरान के वाणिज्य दूतावास पर इजरायली हमले के जवाब में किया गया। इजरायल के सैन्य प्रमुख ने सोमवार को कहा कि उनका देश ईरानी हमले का जवाब देगा, जबकि वैश्विक नेताओं ने जवाबी कार्रवाई नहीं करने की सलाह दी ताकि हिंसा का सिलसिला आगे नहीं बढ़े।
ईरान पर और बढ़ेंगे प्रतिबंध
यूरोपीय संघ (ईयू) के नेताओं ने भी बुधवार को संकल्प व्यक्त किया कि वे ईरान पर प्रतिबंध बढ़ाएंगे। ईयू के विदेश नीति प्रमुख जोसफ बोरेल ने कहा कि ईयू की प्रणालियों की मौजूदा व्यवस्था को मजबूत किया जाएगा और इनका विस्तार करके तेहरान के विरुद्ध कदम उठाया जाएगा ताकि इजरायल पर भविष्य में हमले नहीं हों। उन्होंने यह भी कहा कि इजरायल को भी संयम बरतना होगा।