नई दिल्ली। बयान में रक्षा मंत्रालय ने बताया कि डीआरडीओ के रक्षा सामाग्री और भंडार अनुसंधान और विकास प्रतिष्ठान, कानपुर ने 7.62 X 54 आर एपीआई गोला बारूद के खिलाफ सुरक्षा के लिए देश में सबसे हल्का बुलेटप्रूफ जैकेट सफलतापूर्वक विकसित किया है।
रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) की एक इकाई ने देश की सबसे हल्की बुलेटप्रूफ जैकेट विकसित की है। जैकेट उच्चतम खतरे के स्तर 6 से सुरक्षा प्रदान करेगी। रक्षा मंत्रालय ने एक बयान जारी कर बताया कि जैकेट में नई प्रक्रियाओं के साथ नवीन सामग्री का उपयोग किया गया है।
देश में सबसे हल्का बुलेटप्रूफ जैकेट सफलतापूर्वक विकसित
बयान में रक्षा मंत्रालय ने बताया कि डीआरडीओ के रक्षा सामाग्री और भंडार अनुसंधान और विकास प्रतिष्ठान, कानपुर ने 7.62 X 54 आर एपीआई गोला बारूद के खिलाफ सुरक्षा के लिए देश में सबसे हल्का बुलेटप्रूफ जैकेट सफलतापूर्वक विकसित किया है। हाल ही में टीबीआरएल, चंडीगढ़ में बुलेटप्रूफ जैकेट का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया था। जैकेट का फ्रंट हार्ड आर्मर पैनल (एचएपी) आईसीडब्ल्यू (इन-कंजक्शन) और स्टैंडअलोन डिजाइन दोनों में 7.62×54 आर एपीआई (स्नाइपर) के कई हिट (छह शॉट) के खिलाफ मजबूत है।
पहनने की क्षमता और आराम को बढ़ाता
बयान के अनुसार, एर्गोनॉमिक रूप से डिजाइन किया गया फ्रंट एचएपी पॉलिमर बैकिंग के साथ एक मोनोलिथिक सिरेमिक प्लेट से बना है। ऑपरेशन के दौरान यह पहनने की क्षमता और आराम को बढ़ाता है। रक्षा विभाग के अनुसंधान एवं विकास सचिव और डीआरडीओ अध्यक्ष ने बुलेटप्रूफ जैकेट के सफल विकास के लिए डीएमएसआरडीई को बधाई दी है।