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भीलवाड़ा: राजस्थान के भीलवाड़ा में शिक्षा विभाग में संविदा पर महज पांच हजार रुपये की सैलरी पर नौकरी करने वाला कंप्यूटर ऑपरेटर करोड़पति निकला और उसका कारोबार पंजाब तक फैला हुआ था. शिक्षा विभाग में ठेके पर काम करने वाले इस कर्मचारी ने करीब 2 करोड़ 15 लाख रुपये के हेरफेर से अपना कारोबार खड़ा कर लिया था.
भीलवाड़ा जिले के कोटडी पंचायत समिति के खेड़ा राजकीय विद्यालय में गोपाल सुवालका नाम का यह शख्स संविदा पर कम्प्यूटर ऑपरेटर के पद पर कार्यरत था.
गोपाल सुवालका साल 2007 से 13 अगस्त 2021 तक फर्जीवाड़े के जरिए विभाग का पैसा गायब करते रहा लेकिन किसी को इसकी भनक तक नहीं लगी. वो शिक्षा विभाग के अधिकारियों की फर्जी आइडी और पासवर्ड से सालों तक शिक्षा विभाग के पैसे का गबन करता रहा और उसे अपनी पत्नी दिलखुश सुवालका के खाते में जमा कर देता था. इसके लिए आरोपी ने अपनी पत्नी को फर्जी तरीके से दस्तावेजों में टीचर बना दिया और उसके खाते में पैसे भेजता रहा.
गबन के इन पैसे से संविदाकर्मी ने दो मकान, और एक जेसीबी मशीन खरीद ली. आरोपी ने गबन किए हुए पैसों से ही वाहनों का कारोबार पंजाब तक फैला लिया. इस कंप्यूटर ऑपरेटर का कारोबार इतना बढ़ चुका था कि खुद महज हजार रुपये की नौकरी करने वाले इस शक्स ने अपने ही भांजे को पीए रख लिया था.
जब इस कंप्यूटर ऑपरेटर का भेद खुलने लगा तो आरोपी ने बड़ी चालाकी से अपनी सारी संपत्ति किसी अन्य शख्स के नाम कर दी ताकि जांच में उसकी संपत्ति बची रहे.
इस मामले को लेकर जिला शिक्षा अधिकारी योगेश पारीक ने कहा कि सबसे पहले 12 अगस्त 2021 को प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी और स्कूल के हेडमास्टर खेडा चन्द्र सिंह राजपूत ने बडलियास थाने में कंप्यूटर ऑपरेटर के खिलाफ 12 लाख रुपये के गबन का मामला दर्ज करवाया.
अधिकारी ने कहा जब मैंने मामले की जांच की तो परत दर परत उस कर्मचारी की पोल खुलती गई और गबन की राशि 2 करोड़ 15 लाख तक पहुंच गई.
आरोपी कंप्यूटर ऑपरेटर ने ऑनलाइन वेतन बिल से 55 लाख रुपये और ऑफलाइन से 1 करोड़ 60 लाख रुपये अपनी पत्नी दिलखुश और स्वंय के खाते में जमा करवाये थे. आरोपी सालों से हर महीने 2 लाख 32 हजार 320 रुपये का गबन करता था.