Economy of India: आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ ने कहा कि चुनौतीपूर्ण वैश्विक वित्तीय स्थिति के बावजूद देश की वित्तीय व्यवस्था पूरी तरह से सुरक्षित, मजबूत और नियमन के दायरे में है. वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद (एफएसडीसी) की 27वीं बैठक के नतीजों के बारे में जानकारी देते हुए सेठ ने कहा, ‘‘देश की वित्तीय व्यवस्था पूरी तरह से सुरक्षित, मजबूत और नियमन के दायरे में है. लेकिन जैसे ही शुरुआती चेतावनी के संकेत दिखाई दें, हमें उसके लिये सतर्क रहने की जरूरत है.’’
सुधारात्मक उपाय
उन्होंने कहा कि कुछ संकेतक हैं, जो शुरुआती चेतावनी देते हैं ताकि समय पर दबाव को बेहतर तरीके से देखा और समझा जा सके और उसे दूर करने के लिए तुरंत सुधारात्मक उपाय किए जाएं. यह पूछे जाने पर कि क्या सिलिकॉन वैली बैंक और सिग्नेचर बैंक के विफल होने और क्रेडिट सुइस में नकदी दबाव के देश की वित्तीय प्रणाली पर प्रभाव को लेकर बैठक में चर्चा हुई, सेठ ने कहा कि यह मुद्दा स्पष्ट तौर पर नहीं आया, लेकिन वैश्विक वित्तीय संकट का असर नहीं है.
तकनीक का उपयोग
सरकारी प्रतिभूति बाजार के बारे में उन्होंने कहा कि तकनीकी के उपयोग के साथ इसे सहज और सुलभ बनाने का प्रयास है. उन्होंने कहा, ‘‘निवेशक चाहे रिजर्व बैंक के बुनियादी ढांचे के माध्यम से आते हैं या फिर सेबी के बुनियादी ढांचे के मार्ग से, आज प्रौद्योगिकी के उपयोग के साथ यह संभव है. जबकि पहले यह संभव नहीं था.’’
डिजिटल इंडिया
उन्होंने यह भी कहा कि परिषद ने अर्थव्यवस्था के लिए शुरुआती चेतावनी संकेतकों और उनसे निपटने को लेकर हमारी तैयारियों पर भी विचार-विमर्श किया. इसके अलावा, नियामकीय गुणवत्ता में सुधार कर वित्तीय क्षेत्र में विनियमित संस्थाओं पर अनुपालन बोझ को कम करने, देश में कंपनियों और परिवारों के मामले में ऋण स्तर, डिजिटल इंडिया की जरूरतों को पूरा करने के लिए केवाईसी (अपने ग्राहक को जानों) को सरल और सुव्यवस्थित करने पर भी चर्चा की गई.
कई मुद्दों पर चर्चा
इसके अलावा, सरकारी प्रतिभूतियों को लेकर खुदरा निवेशकों के लिये चीजों को सुगम बनाना, बीमाकृत भारत यानी देश में बीमा को अंतिम छोर तक पहुंचाने समेत अन्य मुद्दों पर भी चर्चा हुई. परिषद ने भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में एफएसडीसी उप-समिति के कार्यों तथा परिषद के पूर्व फैसलों के क्रियान्वयन पर भी गौर किया गया. परिषद की बैठक में वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी, भागवत किशनराव कराड, वित्त सचिव टी वी सोमनाथन, राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा, वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी और वित्त मंत्रालय के अन्य शीर्ष अधिकारी शामिल थे.