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नई दिल्ली: सारे पैरेंट्स चाहते हैं कि उनका बच्चा आत्मविश्वास से भरपूर हो और हर फील्ड में आगे रहे। खेलने-कूदने से लेकर पढ़ाई में अच्छा रहे और उसकी सोशल स्किल भी अच्छी हो। लेकिन बच्चों को इन सारी चीजों का पाठ पढ़ाने का असर कम होता है। बल्कि बच्चे वो चीजें ज्यादा सीखते हैं जो उनके पैरेंट्स करते हैं। अगर आपके बच्चे में इस तरह के लक्षण नजर आ रहे हैं। तो आपकी ये गलती जिम्मेदार हो सकती है।
बच्चे की पर्सनैलिटी में दिख रहीं ये चीजें
-बच्चा अगर बहुत गुस्सैल हो गया है। हर बात पर मारपीट या गलत बातें बोलता है।
-पढ़ाई में मन नहीं लगता है और एकेडमिक परफार्मेंस खराब हो गई है।
-बच्चे का स्वभाव दब्बू हो गया है और उसका आत्मविश्वास कमजोर हो गया है।
-किसी काम को करने के लिए बच्चे के मन में मोटिवेशन की भावना नही है।
-पैरेंट्स की बात नहीं मानता और हर बात को अनसुना करता है।
पैरेंट्स की ये एक गलती होती है जिम्मेदार
अगर आपका बच्चा अचानक से इस तरह का व्यवहार करने लगा है। तो इसका कारण घर का माहौल होता है। अगर घर का वातावरण हैप्पी और पॉजिटिव एनर्जी वाला नही है। माता-पिता बच्चों के सामने बहस करते और झगड़ते हैं। तो इससे बच्चे के मस्तिष्क पर निगेटिव असर पड़ता है। और बच्चे के व्यवहार पर इसका सीधा असर नजर आता है। इसलिए बच्चे के व्यवहार को सुधारने की बजाय अपनी इस कमी को दूर करें। बच्चे के सामने आपस में बहस करने और झगड़ा करने से बचें।
घर का वातावरण बनाता है बच्चो को कमजोर या मजबूत
बच्चे उन चीजों को ज्यादा सीखते हैं जो उनके पैरेंट्स करते हैं। घर के माहौल का बच्चे के व्यवहार पर और काम पर सबसे ज्यादा असर पड़ता है। अगर पैरेंट्स आपस में लड़ते-झगड़ते हैं। और घर का माहौल टॉक्सिक, निगेटिव बना रहता है। तो बहुत ज्यादा चांस है कि आपके बच्चे के व्यवहार में ये परिवर्तन देखने को मिले।