शुगर लेवल कंट्रोल करने के लिए खाएं नीम की पत्तियों का चूर्ण, आयुर्वेद के अनुसार जानें अन्य गुण

To control sugar level, eat powder of neem leaves, know other properties according to Ayurveda
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नीम एक बेहद ही फायदेमंद औषधीय पेड़ है, जिसका इस्तेमाल वर्षों से आयुर्वेद में कई रोगों को दूर करने के लिए किया जा रहा है. नीम के पेड़ के पत्ते, फूल, बीज, फल, जड़ और छाल सहित इसके सभी भागों का उपयोग किया जा सकता है. ये सभी कई शारीरिक समस्याओं को दूर करने में बेहद कारगर साबित होते हैं. त्वचा से लेकर बालों की समस्या का रामबाण इलाज है नीम की पत्तियां. नीम में मौजूद औषधीय गुणों की बात करें, तो ये एंटीबैक्टीरियल, एंटीऑक्सीडेंट, एंटी फंगल, एंटीपैरासिटिक, एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीडायबिटिक, घाव भरने की प्रॉपर्टीज से भरपूर होते हैं, जो कई तरह के वायरल, बैक्टीरियल इंफेक्शन से शरीर को बचाते हैं. आइए जानते हैं आयुर्वेद के अनुसार, नीम की पत्तियां सेहत के लिए किस तरह से होती हैं फायदेमंद.

नीम की पत्तियों के सेहत लाभ

लश आयुर्वेदा क्लिनिक (मयूर विहार, नई दिल्ली) की आयुर्वेदाचार्य डॉ. मारिया परवेज कहती हैं कि नीम की तासीर ठंडी होती है. नीम की पत्तियां पित्त रस और कषाय रस दोनों होती हैं. इसके गुण हल्के या लघु होते हैं, जो आसानी से पचने वाला होता है. साथ ही यह रूक्क्ष यानी ड्राई होता है. इसका विपाक कटु होता है. यदि किसी को पेट का अल्सर है, तो उनके लिए नीम की पत्तियां काफी फायदेमंद होती हैं. नीम की पत्तियां पाचन की प्रक्रिया में सुधार लाती हैं. यदि किसी को भूख नहीं लगती, एसिडिटी की समस्या बनी रहती है, तो उनके लिए भी यह काफी लाभदायक होती हैं.

चूंकि, ये पत्तियां शीतल होती हैं, साथ ही इसका रस कषाय होता है, इसलिए यह डाइजेशन में काफी फायदेमंद होती हैं. यदि किसी को बहुत ज्यादा थकान महसूस होती है, तो इसकी पत्तियों का रस पीने से शरीर की सारी थकान दूर हो जाती है.
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आयुर्वेदाचार्य डॉ. मारिया आगे कहती हैं कि जिन लोगों को बहुत ज्यादा प्यास लगती है, उनके लिए भी नीम की पत्तियां फायदेमंद हैं, क्योंकि ये शरीर के अंदर पित्त को कम करती हैं. मुख्य रूप से नीम का काम पित्त संबंधित समस्याओं जैसे बुखार, बहुत ज्यादा प्यास लगने आदि में बहुत अच्छी तरह से असर करती हैं.
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नीम की पत्तियां खांसी को कम करती हैं. किसी भी तरह की इंफेक्शन, रेस्पिरेटरी प्रॉब्लम जैसे सांस संबंधित समस्या, फेफड़ों की समस्या दूर होती है. ऐसा इसलिए, क्योंकि नीम एंटीमाइक्रोबियल गुणों से भरपूर होती है.

जिन लोगों को भूख नहीं लगती या फिर पेट में कीड़े होने की समस्या है, उन्हें भी नीम का सेवन करना चाहिए. ये घावों को जल्दी से भरती है. त्वचा की बीमारी जैसे कुष्ठ रोग, फंगल इंफेक्शन, बैक्टीरियल इंफेक्शन, एक्ने, सोरायसिस आदि में फायदेमंद है. डायबिटीज के मरीजों के लिए नीम रामबाण इलाज है, क्योंकि यह शुगर लेवल को कंट्रोल में रख सकती है.

महिलाओं या पुरुषों को यदि यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन हो, तो इसमें भी नीम बहुत कारगर औषधि है. रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बूस्ट करती है.

किस तरह से नीम का करें इस्तेमाल
डॉ. मारिया कहती हैं कि यदि आप डायबिटीज के मरीज हैं, तो आप सुबह में नीम के पाउडर का सेवन कर सकते हैं. मार्केट में नीम का पाउडर, जूस सब उपलब्ध है. आप चाहें तो घर पर भी जूस तैयार कर सकते हैं. डायबिटीज में 5 से 10 एमएल नीम का जूस ले सकते हैं. नीम के टैबलेट भी खा सकते हैं. स्किन समस्याओं में आप इसे खा सकते हैं, लेप लगा सकते हैं. घावों पर नीम का लेप लगाने से आराम पहुंचता है. स्कैल्प में डैंड्रफ, खुजली की समस्या है, तो नीम का तेल अप्लाई करें. इसकी कुछ पत्तियों को पानी में उबालकर इसे ठंडा कर लें. इस पानी से सिर को धोएं.