हरियाणा में भारतीय संस्कृति बचाने का अनूठा प्रयास, बनेगा तीसरा वैदिक गुरुकुल, सब कुछ होगा मुफ्त

इस खबर को शेयर करें

हिसार। भारत जब अंग्रेजों का गुलाम था जो उन्होंने हमारी संस्कृति को भी मिटाने की कोशिश की। इसी उद्देश्य को लेकर लार्ड मैकाले ने भारतीय शिक्षा व्यवस्था को पूरी तरह बदल दिया। इसका असर यह दिखा कि हम पश्चिमी लोगों को श्रेष्ठ मानने लगे जबकि ऐसा नहीं है। यह कहना है हरियाणा राज्य गोशाला संघ के प्रदेशाध्यक्ष शमशेर आर्य का।

आर्य ने कहा कि युवाओं को इन सब चीजों से बाहर निकालने की जरूरत है। इसको लेकर हरियाणा का तीसरा वैदिक गुरुकुल हिसार के पाबड़ा गांव में स्थापित किया जा रहा है। यह गुरुकुल जवाहर नवोदय विद्यालय के साथ बनाया जाएगा। यह गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के अधीन होगा। इसी के तर्ज पर यहां शिक्षा दी जाएगी। 10 साल या इससे ऊपर के बच्चे का यहां दाखिला हो सकेंगे। इसके अलावा यहां हास्टल भी होगा। दाखिले से लेकर रहने तक की प्रक्रिया निश्शुल्क रहेगी। गुरुकुल के संचालक आचार्य सत्यवीर प्रेरक व हरियाणा राज्य गोशाला संघ के प्रदेशाध्यक्ष शमशेर आर्य ने बताया कि गांव पाबड़ा, खैरी, किनाला, कंडूल, फरीदपुर आदि के सहयोग से क्षेत्र के प्रथम गुरुकुल, वैदिक गुरुकुल की स्थापना करने का निर्णय लिया गया है।

पाबड़ा में वैदिक गुरुकुल की आधारशिला रखी गई है। कलीराम सरपंच खैरी ने 1 लाख रुपये गुरुकुल समिति को दान दिया। अनुप लाइनमैन किनाला नै 51 हजार रुपये दान दिये। संस्थापक आचार्य सत्यवीर प्रेरक (पाबड़ा) ने अपनी 2.5 एकड़ भूमि में गुरुकुल की स्थापना की।

गुरुकुल की खास बात यह है कि यहां हास्टल की सुविधा मिलेगी। यहां 24 घंटे ठहरना होगा। विद्यार्थी से किसी तरह की कोई फीस नहीं ली जाएगी। दान से ही गुरुकुल का संचालन होगा। यह गुरुकुल में देसी गायों को भी जगह दी जाएगी और विद्यार्थी ही उनकी सेवा करेंगे। गुरुकुल में रहने वाले विद्यार्थियों को सुबह 4 बजे उठना होगा। उसके बाद व्यायाम करवाया जाएगा। सुबह के नाश्ते के बाद कक्षाएं शुरू होंगी। विद्यार्थियों को योग, प्राणायम, आयुर्वेद के बारे में भी पढ़ाया जाएगा।