यूपी पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा: पेपर लीक करने के लिए एक साल पहले बिछाया गया था जाल, बड़ा खुलासा

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ग्रेटर नोएडा: उत्तर प्रदेश पुलिस आरक्षी भर्ती परीक्षा पेपर लीक कांड में एसटीएफ को बड़ी कामयाबी मिली है। स्पेशल टास्क फोर्स के हत्थे चढ़ा मुख्य साजिशकर्ता रवि अत्री निवासी नीमका (जेवर) ने बताया कि पेपर लीक करने के लिए एक साल पहले ही जाल बिछा दिया था। सबसे पहले अपने के साथियों के साथ मिलकर अहमदाबाद की तीन ट्रांसपोर्ट कंपनियों के कर्मचारियों को लालच देकर अपने जाल में फंसाया। उन्हें 1 साल तक हर महीने 15 से 20 हजार रुपये देते रहे। उनकी मदद से कंपनी के अंदर अपने साथी भेजकर जिस ट्रंक में पेपर रखा था उसे पीछे से खोल कर पेपर निकाला। इसके बाद सील खोलकर पेपर का फोटा लिया। इस पूरी साजिश को अंजाम देने के लिए अहमदाबाद के होटल में एक महीने तक ठहरे। पेपर का फोटो मिलते ही फ्लाइट से दिल्ली आ गए।
दरअसल, रवि अत्री को एसटीएफ ने खुर्जा बस स्टैंड के पास से मंगलवार शाम 6 बजे गिरफ्तार किया। रवि मेडिकल स्टूडेंट रहा है। एसटीएफ की पूछताछ में उसने बताया कि अंकित मिश्रा नाम के व्यक्ति से उसकी मुलाकात हुई। उसने बताया कि टीसीआई, गति और ब्लू डार्ट ट्रांसपोर्ट कंपनी में नौकरी लगवाता है। उसे पता था कि इस तरह की कंपनियों में पेपर आते हैं। अंकित जैसे व्यक्ति की उसे जरूरत थी तो उसे दोस्ती कर ली। रवि अत्री ने अंकित मिश्रा से कहा कि वह अपने आदमियों से कहे कि अगर कंपनी में प्रतियोगिता परीक्षा के पेपर आते हैं तो इसकी सूचना तुरंत दे। इसकी एवज में मोटी रकम देने का लालच दिया।

रवि अत्री ने अंकित मिश्रा को बताया कि प्रतियोगिता संबंधित पेपर पर कॉन्फिडेंशल मटीरियल लिखा रहता है और स्टील की टेप से कॉन्फिडेंशल की मोहर लगी रहती है। अंकित मिश्रा ने रवि अत्री की बात टीसीआई कंपनी में काम करने वाले अभिषेक शुक्ला से कराई। रवि अत्री ने अभिषेक को 15 से 20 हजार रुपये प्रति महीने देने का लालच दिया।

एक महीने तक की नौकरी
जैसे ही आरओ, एआरओ और पुलिस भर्ती परीक्षा पास आई तो फरवरी 2024 में अहमदाबाद जाकर एक होटल में रुक कर रेकी करने लगा। वहीं, अभिषेक शुक्ला ने सीटीआई कंपनी में नौकरी करने वाले शिवम गिरी और रोहित कुमार पांडे को बोल रखा था कि जैसे ही पेपर आए तो उन्हें इसकी सूचना दे। फरवरी 2024 को शिवम गिरी ने अभिषेक शुक्ला को कॉल कर बताया कि शायद आज यूपी पुलिस का माल आया है। यह बात रवि अत्री को बताई तो उसने कहा कि शिवम गिरी से बॉक्स की फोटो मंगवा ले।

रवि अत्री और राजीव नयन मिश्रा ने अभिषेक से कहा कि अगर यह काम हो गया तो तुम्हें जीवन में दूसरा काम करने की जरूरत नहीं पड़ेगी और तुम्हें सरकारी नौकरी भी दिलाई जाएगी। 5 फरवरी को राजीव नयन मिश्रा भोपाल से अहमदाबाद पहुंचा और शिवम गिरी के खाते में 3 लाख ट्रांसफर किए। 8 फरवरी को रवि अत्री का साथी डीआर शुभम मंडल को शिवम गिरी अपने साथ लेकर कंपनी के अंदर गया। ट्रक बॉक्स पीछे से खोलकर एक कोड का पेपर निकलकर फोटो खींच ली।

पहले सॉल्वर बन देता था एग्जाम
एसटीएफ की पूछताछ में रवि ने बताया कि 2006 में श्रीराम इंटर कॉलेज थोरा से इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की थी। उसके बाद 2007 में राजस्थान कोटा में मेडिकल की तैयारी करने के लिए कोचिंग जॉइंन किया था। वहां पर पेपर माफिया के संपर्क में आया। इसके बाद विभिन्न परीक्षा का सॉल्वर बनाकर बैठने लग। 2012 में पीएचएमटी की परीक्षा पास करने के बाद एडमिशन रोहतक के पीजीआईएमएस कॉलेज में हो गया। 2018 में तृतीय वर्ष पास किया और चौथे साल परीक्षा नहीं दी।

2012 में नीट पीजी की परीक्षा का पेपर लीक करने के मामले में दरियागंज क्राइम ब्रांच दिल्ली ने जेल भेजा। इसी साल एसबीआई की परीक्षा का पेपर आउट करने के मामले में शाहबाद डेरी दिल्ली से जेल गया। उसके बाद 2015 में एआईपीएमटी की परीक्षा पेपर आउट करने के मामले में रोहतक हरियाणा से जेल गया।

1000 से अधिक अभ्यर्थियों को पेपर दिखाए
एसटीएफ की पूछताछ में आरोपी ने बताया कि मध्यप्रदेश के शिव शक्ति रिजॉर्ट में 300 से अधिक अभ्यर्थियों को बुलाकर पेपर पढ़ाया था। उसके बाद उसने अपने साथियों के साथ मिलकर गुड़गांव के ग्रीन वैली रिसॉर्ट में 700 से अधिक अभ्यर्थियों को बुलाकर पेपर पढ़ाया था और कई अभियान तो कुछ कॉपी दी थी। उनके गैंग में झांसी जेल में बंद मोनू गर्जर, रजनीश रंजन, गौतम बुद्ध नगर की जेल में बंद मोनू पंडित गौरव और प्रमोद पाठक पुराने दोस्त हैं। सभी पहले भी कई परीक्षा के पेपर लीक कर चुके हैं।

54 से अधिक आरोपियों की हो चुकी है गिरफ्तारी
पेपर लीक होने के बाद कानपुर, गाजियाबाद, वाराणसी, झांसी, आगरा, बरेली, प्रयागराज, मेरठ गोरखपुर, नोएडा और बलिया में 12 से अधिक मुकदमे दर्ज कराए गए। इसके बाद एसटीएफ मेरठ ने 5 मार्च 2024 को 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा। 12 मार्च को महेंद्र निवासी हरियाणा जींद को गिरफ्तार का जेल भेजा गया। 14 मार्च को गाजियाबाद से तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया और नोएडा से 3 अप्रैल को एक आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। इससे अलग कई जिलों से आरोपियों को जेल भेजा गया है।