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लखनऊ. उत्तर प्रदेश सरकार राज्य की जनता के विकास से जुड़ी सेवाओं व योजनाओं पर इस वर्ष अधिक धनराशि खर्च करेगी। आमलोगों के विकास से जुड़ी सामाजिक और आर्थिक क्षेत्र की सेवाओं पर चालू वित्तीय वर्ष में 260418.65 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान किया गया है। यह धनराशि पिछले वित्तीय वर्ष के मुकाबले 59610.03 करोड़ रुपये अधिक है। विकास व्यय के मद में पिछले वित्तीय वर्ष 2021-22 में विकास व विकासेत्तर (अन्य खर्चे) व्यय के कुल बजट में से 56.31 फीसदी धनराशि का प्राविधान था जबकि चालू वित्तीय वर्ष 2022-23 में 57.10 फीसदी खर्च अनुमानित किया गया है। सरकार ने विकास और विकासेत्तर व्यय के मद में इस वर्ष 456089.06 करोड़ रुपये खर्च हो जाने का अनुमान किया है।
सामाजिक सेवाओं पर 169118.02 करोड़ खर्च होंगे
वित्त विभाग द्वारा तैयार रिपोर्ट के मुताबिक लोगों के विकास के लिए प्रदेश सरकार सामाजिक सेवाओं के माध्यम से 169118.02 करोड़ रुपये खर्च करेगी। वहीं लोगों के विकास से जुड़ी आर्थिक सेवाओं के क्षेत्र में कृषि से संबंधित विकास कार्यों पर 14071.56 करोड़, ग्रामीण विकास में 21176.96 करोड़, विशेष क्षेत्र विकास कार्यक्रमों पर 92.62 करोड़, सिंचाई व बाढ़ नियंत्रण के क्षेत्र में 12945.23 करोड़, ऊर्जा के क्षेत्र में 23072.91 करोड़, उद्योग व खनिज क्षेत्र में 6655.01 करोड़, परिवहन के क्षेत्र में 5352.48 करोड़, विज्ञान, प्रौद्योगिकिी और पर्यावरण के क्षेत्र में 92.21 करोड़ तथा सामान्य आर्थिक सेवाओं के क्षेत्र में 7241.65 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। ये सारे वह काम हैं जिससे किसी ना किसी रूप से राज्य की आम जनता लाभान्वित होगी।
वे खर्च जिससे राज्य की आमजनता को कोई लाभ नहीं
विकासेत्तर मद (ब्याज, कर्ज, पेंशन, प्रशासनिक खर्च) में राज्य सरकार द्वारा 177670.39 करोड़ रुपये खर्च अनुमानित किया गया है। यह वह खर्च है जिसका आमजनता के विकास में कोई योगदान नहीं होता है। इस मद में राजकोषीय सेवाएं, ब्याज और कर्ज की किश्तों का भुगतान, प्रशासनिक सेवाओं के खर्चे, पेंशन तथा अन्य सामान्य सेवाओं के खर्चे शामिल हैं। इस मद में सबसे अधिक 78323.62 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है।
विकास के मद में खर्च
2021-22— 200808.62 करोड़ रुपये
2022-23— 260418.65 करोड़ रुपये
विकास व विकास से इतर व्यय के लिए तय कुल बजट में फीसदी
2021-22—-56.31
2022-23—-57.10
जनता के विकास से जुड़े मद
सामाजिक सेवाए और आर्थिक सेवाएं। आर्थिक सेवाओं में कृषि. ग्रामीण विकास, सिंचाई व बाढ़ नियंत्रण, ऊर्जा, उद्योग व खनिज, परिवहन, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी व पर्यावरण के क्षेत्र में होने वाले खर्च हैं।