यूपी में कटेंगे एक लाख गैस कनेक्शन! कहीं आपका भी तो नहीं? चेक करें डिटेल

One lakh gas connections will be cut in UP! Is it yours too? check details
One lakh gas connections will be cut in UP! Is it yours too? check details
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आगरा। घरेलू गैस कनेक्शन को लेकर अब तेल कंपनियां सख्त रवैया अपनाने जा रही हैं। हर कंपनी ने अपने वितरकों को निर्देश जारी किए हैं कि प्रत्येक कनेक्शन की ई-केवाईसी कराई जाए। इस प्रक्रिया को फिलहाल तो तेजी से करने के निर्देश हैं। समय अपने पर इसके लिए अंतिम तिथि की भी घोषणा हो सकती है। या फिर जो उपभोक्ता ई-केवाईसी नहीं कराएंगे, उनकी आपूर्ति को रोका जा सकता है।

आगरा में इंडेन, भारत गैस और एचपी गैस के नौ लाख से भी अधिक उपभोक्ता हैं। इनमें से अधिकतर को घरेलू सिलेंडर की रीफिल 815.5 रुपये में मिल रही है। उज्ज्वला कनेक्शन धारकों को इससे भी अधिक राशि की रियायत मिल रही है। तेल कंपनियों का मानना है कि वास्तविक उपभोक्ता ही सरकार द्वारा दी जा रही सब्सिडी का लाभ उठाएं। जबकि वर्तमान में घरेलू सिलेंडर के लिए किसी भी प्रकार के चेक नहीं लगे हैं।

वितरकों के अनुसार ई-केवाईसी की बदौलत जनपद में 15 फीसदी उपभोक्ताओं पर गाज गिर सकती है। कुछ ऐसे कनेक्शन धारक हैं जो दुनिया छोड़ चुके हैं, लेकिन उनके उत्तराधिकारियों ने कनेक्शन को अपने नाम ट्रांसफर ही नहीं कराया है। वहीं, ऐसे उपभोक्ता भी हैं जो अन्यत्र शिफ्ट हो गए। वहां नए नाम से कनेक्शन ले लिया। पुराना कनेक्शन उनके पहले वाले पते पर ही चल रहा है।

सुरक्षा पर विशेष ध्यान
इंडेन एलपीजी वितरक संघ, आगरा संभाग के अध्यक्ष, विपुल पुरोहित ने कहा कि उपभोक्ताओं को सुरक्षित करने के लिए इस बार कंपनी ने खास इंतजाम किया है। इसके तहत तेल कंपनियां वितरकों के माध्यम से प्रत्येक उपभोक्ता तक पहुंचेंगी। हरेक उपभोक्ता की रसोई में कनेक्शन की सुरक्षा जांच की जाएगी। यह जांच नौ बिंदुओं पर आधारित होगी। इसके लिए कंपनियों ने एक अभियान भी शुरू किया है। जिसको नाम दिया गया है जांच एवं जागरूकता। इसमें उपभोक्ता को कुछ नहीं करना है। वितरक के यहां से उनका मकेनिक पहुंचेगा और कनेक्शन के इर्द गिर्द स्थिति देखेगा और जरूरत के अनुसार उपभोक्ता से बदलाव कराएगा।

रबर पाइप पर मिलेगी सब्सिडी
सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए तेल कंपनियों ने सुरक्षा पाइप को सब्सिडी पर देने का निर्णय लिया है। इसके तहत 190 रुपये का रबर पाइप जिसको सुरक्षा रबर पाइप भी कहा जाता है, प्रत्येक उपभोक्ता को मात्र 150 रुपये में दिया जाएगा। जबकि वास्तविक कीमत 190 रुपये है। लीकेज होने की स्थिति में उपभोक्ता 1906 पर कॉल कर सकते हैं। कंपनी की तरफ से सभी वितरकों को आगाह किया गया है कि वे उपभोक्ताओं में गैस के प्रयोग न होने की स्थिति में रेग्युलेटर को बंद रखने की आदत बनाने पर जोर दें। सुरक्षा को लेकर वितरक स्तर से अभियान चलेगा।

ऐसे होगी ई-केवाईसी
कनेक्शन धारकों को अपने वितरक कार्यालय जाना होगा। यहां पर उनके आधार से यह सत्यापन होगा कि अमुक व्यक्ति ही इस आधार नंबर पर पंजीकृत है। वितरक के रिकार्ड में दर्ज आधार नंबर से मिलान होने पर सभी पहचान को अपलोड कर रख लिया जाएगा। ई-केवाईसी होने के बाद उपभोक्ता की सप्लाई सुचारु हो जाएगी। अन्यथा एक तय सीमा के बाद इसको रोक दिया जाएगा।

बोगस उपभोक्ताओं को हटाना है मकसद
तेल कंपनियों का मकसद रिकार्ड से बोगस उपभोक्ताओं को हटाना है। ई-केवाईसी कराई जा रही है। प्रयास है कि वास्तविक उपभोक्ता ही सरकार द्वारा दी जा रही सब्सिडी का लाभ उठा सकें।