उत्तराखंड के इस गांव में तीन महीने से नहीं आ रहा पानी, जल स्रोत भी छोड़ गया साथ

Water is not coming in this village of Uttarakhand for three months, water source also left
Water is not coming in this village of Uttarakhand for three months, water source also left
इस खबर को शेयर करें

ऋषिकेश। यमकेश्वर प्रखंड के कोटा गांव में पिछले तीन माह से पेयजल संकट बना हुआ है। अभी तक किसी तरह गांव के पारंपरिक जल स्रोत ने ग्रामीणों का साथ दिया, मगर अब गर्मी बढ़ने के साथ ही इस स्रोत पर भी पानी सूखने लगा है। गांव को पेयजल उपलब्ध कराने वाली मोहनचट्टी पंपिंग योजना की सुध कोई नहीं ले रहा है, जिससे ग्रामीणों में रोष व्याप्त है। कोटा गांव में करीब 60 परिवारों की ढाई सौ से अधिक की आबादी निवास करती है। स्थानीय नागरिकों की माने तो गांव में एक मार्च के बाद मोहनचट्टी पंपिंग योजना से जुड़ी लाइन पर पानी बंद है। घरों में पानी के नल तो हैं मगर, पिछले तीन माह से नलों के हलक भी सूखे हुए हैं।

होली के दिन भी नहीं था गांव में पानी
ग्रामीण हेम सिंह राणा ने बताया कि आठ मार्च को होली के दिन भी गांव में पानी नहीं था। लगातार जल संस्थान को इसकी सूचना दी जा रही है। मगर, कोई भी पेयजल लाइन को दुरुस्त करने के लिए आगे नहीं आया। उन्होंने बताया कि गांव में एकमात्र पारंपरिक पेयजल स्रोत है, जो डेढ़ से दो किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। ग्रामीण, स्रोत से अभी तक पानी का इंतजाम कर रहे थे। मगर, अब गर्मी बढ़ने के साथ ही पानी का यह स्रोत भी सूखने लगा है। यहां भी अब एक-एक बूंद पानी के लिए ग्रामीणों को मशक्कत करनी पड़ रही है।

लाइन दुरुस्त नहीं की गई तो पानी के लिए तरस जाएगा गांव
ग्रामीण हेम सिंह राणा ने बताया कि यदि शीघ्र मोहनचट्टी पंप योजना की लाइन दुरुस्त नहीं की जाती तो कोटा गांव में भीषण पेयजल संकट खड़ा हो जाएगा। स्थानीय निवासी सुखपाल सिंह, भूपेंद्र सिंह राणा, करण सिंह राणा, बबीता देवी, पूर्णा देवी व दीपा देवी आदि ने जल संस्थान तथा स्थानीय प्रशासन के खिलाफ रोज व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि जब तक गांव में पेयजल लाइन दुरुस्त नहीं हो जाती तब तक प्रशासन को पेयजल की वैकल्पिक व्यवस्था की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि शीघ्र पेयजल व्यवस्था दुरुस्त नहीं की जाती तो ग्रामीण आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।

प्रशासन को नहीं है खबर
मोहनचट्टी पंपिंग योजना से जुड़े कोटा गांव में पेयजल की समस्या को लेकर अभी तक मुझे कोई जानकारी नहीं है। इस संबंध में पता किया जा रहा है। यदि ऐसा है तो शीघ्र ही गांव में पेयजल की समस्या का समाधान किया जाएगा। एसके उपाध्याय, अधिशासी अभियंता, जल संस्थान, कोटद्वार – दुर्गा नौटियाल