भगवान श‍िव के गले में झूलते सांप का नाम क्‍या है? पूजा तो करते हैं, पर 99% लोग नहीं जानते असली नाम

What is the name of the snake hanging around the neck of Lord Shiva? They do puja, but 99% people don't know the real name.
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Lord Shiva’s Snake Name: सनातन धर्म में त्र‍िदेव पूजे जाते हैं. ये त्र‍िदेव हैं ब्रह्मा, व‍िष्‍णु और महेश. महेश यानी भगवान श‍िव, जो इस धरती पर विनाश की प्रक्रिया का संचालन करते हैं. भगवान श‍िव की कथाएं, उनका पूरा चरित्र भक्‍तों को खूब भाता है. माथे पर चांद, जटाओं से बहती गंगा, मृगशाला और गले में लटका सांप. भगवान श‍िव के गले में हमेशा एक सांप नजर आता है, जो उनके गले में चारों तरफ ल‍िपटा रहता है. क्‍या आप जानते हैं भगवान श‍िव के इस सांप का नाम क्‍या है और वो हमेशा श‍िव के गले में क्‍यों नजर आता है.

हमारे हिंदू धर्म में सांपों की बड़ी मान्‍यता है. सांपों और नागों को देवतुल्‍य माना गया है. हमारे देश में नागपंचमी भी मनाई जाती है. लेकिन नागों के देव की बात करें तो भगवान श‍िव के इर्द-ग‍िर्द आपको सांप हमेशा ल‍िपटे हुए मिल जाएंगे. श‍िव भगवान के गले में ल‍िपटे सांप का नाम वासुक‍ि है. नागराज वासुकि को भगवान श‍िव ने अपने गले में धारण होने का वरदान द‍िया. कहा जाता है, वासुकि सबसे जहरीला सांप होता है.

क्‍यों धारण क‍िया गले में नाग
ऐसी कथाए हैं कि भगवान श‍िव हिमालय में रहते थे, जहां नाग वंश का वास था. नाग वंश के ये सांप भगवान श‍िव के भक्‍त थे. इन्‍हीं में से एक नागराज वासुकि भगवान श‍िव के परम भक्‍त थे. इन्‍हीं वासुकि को भोलेनाथ ने आशीर्वाद देकर अपने गले में धारण क‍िया था.

समुद्र मंथन में थे वासुकि
देवताओं और असुरों ने म‍िलकर समुद्र मंथन क‍िया था. मंथन की प्रक्रिया के लि‍ए मेरु पर्वत को लाया गया. लेकिन मेरु पर्वत को मथा कैसे जाए, जब ये सवाल उठा तो हर कोई भगवान श‍िव की तरफ देखने लगा. तब समुद्र मंथन में इस पर्वत को मथन के ल‍िए रस्‍सी चाहिए थे. तब ये मंथन श‍िव जी के इन्‍हीं नाग यानी वासुकि से ही क‍िया गया था. नागराज वासुकि को ही समुद्र मंथन में रस्सी की तरह प्रयोग किया गया था और मंथन के दौरान निकले हलाहल विष को भगवान शिव ने अपने गले में धारण क‍िया था. पुराणों में यह भी ज‍िक्र है कि नागराज वासुकि के सिर पर ही दिव्य मणि होती है.

वासुकि के अलावा भी हैं नाग
गले में वासुकि को धारण करने वाले महादेव के दोनों कानों में भी सर्प हैं. इनके नाम पद्म और पिंगल हैं. उनकी बाहों में बाजूबंद के तौर पर भी दो सांप हैं, जिनके नाम कंबल और धनंजय हैं. इसके अलावा उनके हाथों में कंगन के रुप में दो सांप मौजूद हैं, जिनके नाम अश्वतर और तक्षक नाग हैं. इसी तरह भगवान की कमर में नीले रंग के सांप का नाम नील है.