आखिर क्यों ज्यादातर इलेक्ट्रिक स्कूटर में आग लग रही है? जानिए इसके पीछे की असली वजह

Why do most electric scooters catch fire? Know the real reason behind it
Why do most electric scooters catch fire? Know the real reason behind it
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नई दिल्ली। EV Fire: पिछले कुछ समय से इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों में आग लगने की कई घटनाएं सामने आई हैं। अगर आपने ध्यान दिया होगा तो इनमें से ज्यादातर आग की चपेट में आने वाले दोपहिया वाहन, इलेक्ट्रिक स्कूटर ही रहे हैं। जिससे इलेक्ट्रिक स्कूटरों को लेकर सुरक्षा संबंधी सवाल उठने लगे हैं। इसलिए आज हम आपको इसके पीछे की असल वहज बताने जा रहे हैं, जिससे ज्यादातर इलेक्ट्रिक स्कूटरों में आग लग रही है।

क्यों लग रही है ई-स्कूटरों में आग?
इसमें कोई शक नहीं है कि बाकी इलेक्ट्रिक वाहनों की तरह ही ई-स्कूटरों में भी आग लगने की मुख्य वजह बैटरी ही है। भारत में बनने वाले 90 प्रतिशत इलेक्ट्रिक वाहनों में लिथियम-आयन बैटरी का इस्तेमाल किया जाता है, जिसमें लिथियम के कण होते हैं।

बैटरी में लिथियम इलेक्ट्रोलाइट अत्यधिक ज्वलनशील होता है और आसानी से गर्म हो सकता है, जिससे कभी-कभी विस्फोट हो सकता है। इसी वजह से EVs में आग लगने की घटना समाने आ रही है।

अब ऐसे में सवाल उठता है कि तब सारे EVs में आग क्यों नहीं लग रही है और सिर्फ ज्यादातर इलेक्ट्रिक स्कूटरों में ही ऐसा क्यों देखा जा रहा है। तो इसके पीछे के कारण ये हो सकते हैं-

1. कूलिंग सिस्टम
आग लगने के सबसे मुख्य कारणों में इलेक्ट्रिक स्कूटरों का कूलिंग सिस्टम हो सकता है। इंजन को ठंडा करने के के लिए लिक्विड कूलिंग सिस्टम को सबसे अच्छा माना गया है, जो कि आपको ज्यादातर इलेक्ट्रिक कारों और बसों जैसे चार पहिया वाहनों में देखने को मिलता है। इसके उलट इलेक्ट्रिक स्कूटरों में एयर-कूल्ड सिस्टम का इस्तेमाल होता है। एयर-कूल्ड सिस्टम मोटर को ठंडा करने में लिक्विड कूल्ड सिस्टम की तरह सक्षम नहीं होते हैं। खास कर गर्मी के मौसम में ऐसा देखा गया है।

2. बैटरी मैनेजमेंट सिस्टम

बैटरी मैनेजमेंट सिस्टम को भी इलेक्ट्रिक स्कूटरों में आग लगने की मुख्य वजहों के तौर पर देखा जा रहा है। जानकारों के मुताबिक, इलेक्ट्रिक वाहनों में लगने वाली बैटरी मैनेजमेंट सिस्टम लैब-स्केल डेटा और मॉडल के आधार पर बैटरी को ऑपरेट करती है। वहीं, कारों में बैटरी मैनेजमेंट सिस्टम को स्कूटर की तुलना में बेहतर तरीके से टेस्ट किया जाता है। इसलिए, ऐसी दुर्घटनाओं से बचने के लिए रीयल-टाइम ऑपरेशन को ध्यान में रखते हुए डिज़ाइन किया जाना चाहिए।

3. चार्जिंग के तरीके
आग लगने की वजहों में इस बात से नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है कि इसके चार्जिंग के तरीके भी कारण हो सकते हैं। ज्यादातर लोग स्कूटरों को रात भर चार्ज में लगा कर छोड़ देते हैं, पर शायद आपको पता होना चाहिए कि बैटरी को ओवरचार्ज करना हमेशा जोखिम भरा होता है। ओवरचार्जिंग की स्थिति में बैटरी में क्षमता से अधिक करंट पंप की जाती है। इस प्रक्रिया के दौरान, 100% चार्जिंग के बाद डिवाइस में पंप किया गया करंट बैटरी मटेरियल को खराब कर देता है, जिससे आग लगने की संभावना बहुत अधिक हो जाती है।