जयपुर। राजस्थान में विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी एक बार फिर सीएम फेस के लिए पूर्व सीएम वसुंधरा राजे पर दांव खेल सकती है। इसकी बड़ी वजह यह है कि वसुंधरा के मुकाबले पार्टी के पास कोई बड़ा स्वीकार्य चेहरा नहीं है। हालांकि, दो बार राजस्थान की मुख्यमंत्री रह चुकीं वसुंधरा राजे अभी पूरी तरह खामोश हैं।
राजनीतिक विश्लेषक उनकी इस चुप्पी की व्याख्या उनके केंद्रीय नेतृत्व से लेकर मोदी-शाह से असहज रिश्ते को लेकर करते हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि चुनाव में अब महज 8 महीने का समय बचा है, लेकिन भाजपा में भी गुटबाजी थमने का नाम नहीं ले रही। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भले ही खामोश हों, लेकिन उनके गुट के नेता काफी सक्रिय नजर आ रहे हैं। जमकर बयानबाजी हो रही है। हालांकि, इन बयानों पर पार्टी की ओर से किसी भी प्रकार का स्पष्टीकरण या कार्रवाई सामने नहीं आई है। मतलब साफ है कि पार्टी आलाकमान वसुंधरा राजे समर्थकों को नाराज करने का रिस्क नहीं लेना चाहता है।
चुनाव से पहले होगा बड़ा निर्णय
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि चुनाव से पहले मोदी-अमित शाह वसुंधरा राजे को लेकर बड़ा फैसला ले सकते हैं। दूसरी तरफ नवनियुक्त बीजेपी अध्यक्ष सीपी जोशी ने वसुंधरा राजे के निवास पर जाकर मुलाकात की और संगठनात्मक मुद्दों पर चर्चा की है। मतलब साफ है कि नई राजनीतिक नियुक्तियों में वसुंधरा राजे का दखल रहेगा। भाजपा से राज्यसभा के पूर्व सांसद और वसुंधरा समर्थक नेता रामनारायण डूडी ने मंगलवार को जोधपुर में पार्टी को बिना दूल्हे की बारात बताया। उन्होंने कहा कि राजस्थान भाजपा के अंदर बींद (दूल्हा) का अभाव है। बारात में चलना है, बींद तो है नहीं, बारात किसकी ले जा रहे हैं। जब आगे बींद होगा तो बारात होगी।
वसुंधरा समर्थक का वीडियो वायरल
रामनारायण डूडी ने यह बात जोधपुर में भोपालगढ़ के देवरी धाम में भाजपा बूथ सशक्तिकरण कार्यशाला के दौरान कही थी। यह कार्यशाला 3 दिन पहले हुई थी। इसका वीडियो अब सामने आया है। डूडी ने कहा कि राजस्थान में अभी बींद का अभाव है। अध्यक्ष जी मेरी बात को आगे तक पहुंचा देना, अगर मेरी बात अनुशासनहीनता है तो यह बात आगे पहुंचा देना। कार्यशाला में डूडी ने खुलकर वसुंधरा राजे का समर्थन करते हुए कहा कि वसुंधरा राजे जब 2003 में आई थीं, तो उन्होंने पूरे राजस्थान को कदमों से नापा था, तब 200 विधानसभा में पहुंची थीं तब 121 सीटें जीतीं तो राज बना। 2002 से 2008 और 2013 से 2018 तक के उनके कार्यकाल में विकास के खूब काम हुए। किसी को देखना है तो लिस्ट निकालें, पिछली कांग्रेस सरकार व भाजपा सरकार के कार्यकाल की तुलना करके देख लो ये बात इसलिए कह रहा हूं कि नेतृत्व सक्षम होगा तो सरकार बनेगी।