मौत पर विजय पाकर इंसान बनेगा ‘मृत्युंजय’? लैब में ‘अमृत’ बनाने की तैयारी

Will man become Mrityunjay after conquering death Preparation to make Amrit in the lab
Will man become Mrityunjay after conquering death Preparation to make Amrit in the lab
इस खबर को शेयर करें

नई दिल्ली: सोमरस के बारे में तो आपने सुना और पढ़ा ही होगा अब यह ‘ग्लोबल’ होने जा रहा है. सोमरस के बारे में शास्त्रों में लिखा है कि देवता इसे चिर-आयु के लिए पीते थे, यानी जो सोमरस पी लेता है वो अमर हो जाता है और सदा युवा ही बना रहता है. यहां स्पष्ट करना जरूरी है कि सोमरस का अर्थ मदिरा यानी शराब नहीं है बल्कि ये सोम नाम के पौधे से बनने वाला एक ऐसा रस है जिसे पीने वाले को कभी कोई रोग नहीं होता और वो अमर हो जाता था. लेकिन सोमरस की ये कहानी अब शास्त्रों से निकलकर साइंस की दुनिया की सच्चाई बनने वाली है. दुनिया के सबसे अमीर उद्योगपति जेफ बेजोस (Jeff Bezos) ने एक ऐसी कंपनी में निवेश किया है जो इंसानों को अमर बनाने की योजना पर काम कर रही है.

क्या है अमर होने का ‘फॉर्मूला’?
जिस कंपनी में जेफ बेजोस (Jeff Bezos) ने निवेश किया है वो इंसान की कोशिकाओं की री-प्रोग्रामिंग करके उन्हें फिर से नया बनाने की तरकीब पर काम करना चाहती है. दरअसल एक इंसान का शरीर 724 लाख करोड़ कोशिकाओं से बना होता है, इनमें से ज्यादातार कोशिकाएं समय के साथ-साथ मरने लगती हैं और शरीर इसके अनुपात में नई कोशिकाएं नहीं बना पाता. साधारण शब्दों में इसे ही बुढ़ापा कहा जाता है. लेकिन अमेरिका में एक कंपनी है, जिसका नाम है Altos Labs, इस कंपनी के वैज्ञानिक एक प्रयोग कर रहे हैं जिसके तहत इंसान के शरीर में पुरानी हो चुकी कोशिकाओं यानी सेल्स (Cells) को स्टेम सेल्स (Stem Cells) में बदला जाएगा और फिर इन्हीं स्टेम सेल्स की मदद से नई कोशिकाओं का निर्माण किया जाएगा.

50 वर्षों तक बढ़ सकती है उम्र!

स्टेम सेल्स एक तरह से वो कच्चा माल है जिससे शरीर और शरीर के अलग-अलग अंगों का निर्माण होता है. स्टेम सेल्स की मदद से शरीर के अलग-अलग अंगों के लिए विशेष प्रकार की नई कोशिकाएं बनाई जा सकती हैं. Altos Labs ने इस मिशन में विज्ञान के क्षेत्र में Nobel पुरस्कार जीतने वाले वैज्ञानिकों को भी शामिल कर लिया है. Amazon के मालिक जेफ बेजोस को ये विचार इतना पसंद आया है कि अब उन्होंने इस कंपनी में एक बड़ा निवेश किया है. फिलहाल इस कंपनी के वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि वो शुरुआत में इंसानों की उम्र को कम से कम 50 वर्षों तक बढ़ा पाएंगे, यानी अगर कोई व्यक्ति 80 वर्ष जीता है तो वो 130 वर्षों तक जी पाएगा लेकिन भविष्य में इसी तकनीक के सहारे इंसानों को ‘अमर’ बनाने की भी कोशिश होगी.

नैनो रोबोट्स बनाने का है प्लान
इंसानों को अमर बनाने का ये सपना सिर्फ सेल री-प्रोग्रामिंग के भरोसे नहीं है अमेरिका के वैज्ञानिक रेमंड कर्जविल (Raymond Kurzweil) के मुताबिक वर्ष 2030 तक ऐसे Nano Robots बना लिए जाएंगे, जिन्हें आपके शरीर में खून की धारा याना ब्लड स्ट्रीम के साथ छोड़ा जा सकेगा, ये Nano Robots आपके शरीर में जाकर वायरस, और बैक्टीरिया को खत्म कर देंगे, आपके खून की सफाई करेंगे, थक्के नहीं जमने देंगे और यहां तक कि शरीर में मौजूद ट्यूमर्स को भी खत्म कर देंगे और अगर जरूरत पड़ी तो आपकी कोशिकाओं के डीएनए की भी मरम्मत कर देंगे.

अमर होने का सपना बेच रहे उद्योगपति?
वैज्ञानिक इंसानों को दो तरीके से अमर बनाना चाहते हैं, पहला तरीका है शरीर को हमेशा युवा बनाकर रखना और पहले चरण में औसत आयु को बढ़ाना और फिर शरीर को अमर रखने की कोशिश. दूसरे तरीके से सोचने वाले वैज्ञानिक मानते हैं कि इंसान की पहचान उसके शरीर से नहीं बल्कि उसके मस्तिष्क और विचारों से होती है ये वैज्ञानिक इंसानों के मस्तिष्क में मौजूद भावनाओं और विचारों को कंप्यूटर पर अपलोड करना चाहते हैं, ताकि इंसान के मरने के बाद भी उसकी भावनाओं और विचारों को जीवित रखा जा सके. जेफ बेजोस अमर होने का सपना बेचने वाले अकेले उद्योगपति नहीं हैं पूरी दुनिया में बड़े-बड़े उद्योगपति इस पर 45 लाख करोड़ रूपये का निवेश करने वाले हैं. ये उद्योगपति आपको लगभग हर तरह का प्रोडक्ट बेच चुके हैं और अब शायद इनके पास आपको बेचने के लिए अमर होने का सपना ही बचा है. जो ये सपना नहीं बेच पा रहे वो दुनिया को ब्यूटी प्रोडक्ट बेच रहे हैं. पूरी दुनिया में ब्यूटी प्रोडक्ट का कारोबार 40 लाख करोड़ रुपये का है क्योंकि ये प्रोडक्ट आपको हमेशा सुंदर और जवान बने रहने का सपना दिखाते हैं और ये भी अमर होने की चाहत से कुछ कम नहीं है.

पुरानी है अमरत्व हासिल करने की कोशिश
इजरायल के मशहूर लेखक Yuval Noah Harari ने अपनी मशहूर पुस्तक होमो डेयस में लिखा है कि धार्मिक लोगों के लिए मृत्यु भले ही ईश्वर द्वारा लिया गया निर्णय हो लेकिन वैज्ञानिकों के लिए मृत्यु शरीर में आने वाली एक तकनीकी खामी है, जिसके सामने आने के बाद शरीर का पूरा सिस्टम काम करना बंद कर देता है. Yuval Noah Harari कहते हैं कि वैज्ञानिक इस तकनीकी खामी को लैब्स में सही कर सकते हैं और मृत्यु को टाला जा सकता है. यानी इंसानों को अमर भी बनाया जा सकता है. Latin भाषा में Homo का अर्थ है मनुष्य और Deus का अर्थ है देवता. यानी Yuval Noah Harari की पुस्तक का टाइटल भी ये बताता है कि आने वाले दिनों में मनुष्य किसी देवता से कम नहीं होगा. अब वैज्ञानिक लैब में चमत्कार करके इस बात को सच साबित कर रहे हैं लेकिन इंसानों द्वारा अमरत्व हासिल करने की ये पहली कोशिश नहीं है, बल्कि इंसान बढ़ती उम्र को रोकने और खुद को अमर बनाने की कोशिशें हजारों वर्षों से कर रहा है.

चीन के इस सम्राट ने भी देखा था अमर होने का सपना
उदाहरण के लिए जिस सोमरस का जिक्र हमने शुरुआत में किया, उसके बारे में शास्त्रों में लिखा है कि ये सोम नाम के एक दुर्लभ पौधे से हासिल होता है और इसे इंसान भी पी सकते हैं लेकिन ये पौधा बहुत दुर्लभ है. शास्त्रों और आयुर्वेद की जानकारी रखने वाले विद्वान मानते हैं कि ये पौधा सिर्फ आज के अफगानिस्तान में पाया जाता है. 2200 वर्ष पहले चीन में सबसे बड़ा साम्राज्य किन शी हुवांग ने स्थापित किया था.