बैठक में नहीं पहुंचा, क्या मारा गया अब्दुल गनी बरादर? तालिबान ने बताया ‘सच’

Did not reach the meeting was Abdul Ghani Baradar killed Taliban told the truth
Did not reach the meeting was Abdul Ghani Baradar killed Taliban told the truth
इस खबर को शेयर करें

काबुल। अफगानिस्तान में युद्ध के हालात के बीच कतर में शांति समझौते के लिए तालिबान की ओर से मुख्य वार्ताकार रहा देश के नया उपप्रधानमंत्री अब्दुल गनी बरादर जब कतर से आए प्रतिनिधमंडल के साथ मुलाकात के लिए नहीं पहुंचा तो तमाम अटकलें लगने लगीं। बाद में तालिबान ने एक ऑडियो जारी करते हुए इन खबरों को अफवाह बताया। हालांकि, ऑडियो में आवाज बरादर की ही है, इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है।

गायब था बरादर
दरअसल, हक्‍कानी नेटवर्क के आतंकियों के साथ संघर्ष में घायल होने की खबरों के बाद से ही वह सार्वजनिक रूप से नहीं दिख रहा है। सोशल मीडिया में चल रही अटकलों में मुल्‍ला बरादर के बुरी तरह से घायल होने या मारे जाने का दावा किया जाने लगा। इसके बाद एक ऑडियो संदेश सामने आया जिसमें इन खबरों का खंडन खुद बरादर के हवाले से किया गया है। हालांकि, आवाज उसी की है, इसकी पुष्टि नहीं हो सकी।

कतर के विदेश मंत्री से नहीं मिले मुल्‍ला बरादर-शेरू, तालिबान में बढ़ रहा सत्‍ता संघर्ष?
‘जहां भी हूं ठीक हूं’
तालिबान की आधिकारिक साइट्स पर पोस्ट किए गए संदेश में बरादर ने कहा, ‘मीडिया में मेरे मारे जाने की खबरें हैं। कई दिनों से मैं सफर कर रहा हूं। इस वक्त में जहां भी हूं, हम सब ठीक हैं, मेरे भाई और दोस्त।’ उसने आगे कहा, ‘मैं आपको 100 प्रतिशत विश्वास दिलाता हूं कि कोई परेशानी नहीं है।’

हक्कानी गुट के साथ झड़प
खबरों के मुताबिक का मुल्‍ला बरादर की हक्कानी नेटवर्क के नेता अनस हक्कानी और खलील हक्कानी के साथ झड़प हुई थी। रिपोर्ट्स में यह भी दावा किया गया था कि बरादर अब पाकिस्तान में इलाज करा रहा है। मुल्ला बरादर ने ही अपने बहनोई मुल्ला उमर के साथ मिलकर तालिबान की स्थापना की थी। तालिबान का सह-संस्थापक और मुल्ला उमर के सबसे भरोसेमंद कमांडरों में से एक मुल्ला अब्दुल गनी बरादर को 2010 में पाकिस्तान के कराची में गिरफ्तार कर लिया गया था।

पाकिस्तान के कतरे पर?
माना जा रहा है कि मुल्‍ला बरादर के अमेरिका से नजदीकी और शेर मोहम्‍मद के भारत के साथ बातचीत के बाद पाकिस्‍तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के कान खड़े हो गए और उसने इन दोनों ही के पर कतर दिए। मुल्‍ला बरादर की हक्‍कानी नेटवर्क के नेताओं से संघर्ष हुआ था जिसे आईएसआई ने ही पाल रखा है। वहीं, कतर तुर्की के साथ मिलकर काबुल हवाई अड्डे को तकनीकी सहायता भी मुहैया करा रहा है। इतने महत्‍वपूर्ण देश के उप प्रधानमंत्री के साथ मुलाकात के दौरान मुल्‍ला बरादर के न रहने से तालिबान नेताओं में मतभेद को लेकर कई सवाल खड़े हो गए।
ये चलाएंगे अफगानिस्तान? अमेरिकी प्लेन पर झूला झलते तालिबानी

अब्दुल गनी बरादर
Navbharat Times News App: देश-दुनिया की खबरें, आपके शहर का हाल, एजुकेशन और बिज़नेस अपडेट्स, फिल्म और खेल की दुनिया की हलचल, वायरल न्यूज़ और धर्म-कर्म… पाएँ हिंदी की ताज़ा खबरें डाउनलोड करें NBT ऐप
लेटेस्ट न्यूज़ से अपडेट रहने के लिए NBT फेसबुक पेज लाइक करें