हरियाणा के पहलवानों ने इंग्लैंड में गाड़े लट्ठ, सीएम मनोहर ने हरियाणवी में ट्वीट कर दी बधाई

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नई दिल्ली: लंदन में चल रहे कॉमनेवेल्थ गेम्समें हरियाणा के चार पहलवानों ने कमाल कर दिया. कुश्ती में एक ही दिन 3 गोल्ड, एक सिल्वर और एक ब्रॉन्ज मेडल इन पहलवानों ने देश की झोली में डाल दिए. बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक, दीपक पूनिया ने गोल्डन दांव लगाया तो वहीं अंशु मलिक ने सिल्वर मेडल अपने नाम किया. जबकि मोहित ग्रेवाल ने ब्रॉन्ज मेडल जीता. जबकि पैरा पावर लिफ्टिंग में सोनीपत के लाठ गांव सुधीर ढोचक ने गोल्ड जीता. पहलावानों की इस जीत पर पीएम से लेकर सीएम तक ने बधाई दी. लंदन से लौटने वाले खिलाड़ियों का जोरदार स्वागत हो रहा है.

हरियाणा के सीएम मनोहर लाल ने बाकायदा हरियाणवी में लिखा कि हरियाणा के पहलवानों ने इंग्लैंड में दिखाया हिंदुस्तान का दम! म्हारे धाकड़ पहलवान बजरंग पूनिया को स्वर्ण पदक और महिला पहलवान अंशु मलिक को रजत पदक जीतने पर अनंत बधाई एवं शुभकामनाएं.

बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स में हरियाणा के 43 खिलाड़ी अलग-अलग खेलों में हिस्सा ले रहे हैं. अब तक 7 स्वर्ण समेत 21 मेडल हरियाणा के खिलाड़ियों ने देश को दिलाया है. 2018 के कॉमनवेल्थ में प्रदेश के खिलाड़ियों ने 22 पदक जीते थे. इस बार यह पिछला रिकॉर्ड टूटने वाला है. क्योंकि अभी कई खेल बाकी हैं जिनमें हरियाणा के खिलाड़ी हिस्सा लेने वाले हैं.

बजरंग पुनिया ने चंद मिनटों में चित किया विरोधी पहलवान को
पुरुषों के 65 KG फ्रीस्टाइल का फाइनल मुकाबला रात 10 बजे के करीब हुआ. इसमें कुछ मिनटों में बजरंग पुनिया ने विरोधी पहलवान को पटकनी दे दी. बजरंग कनाडा के लचलान मैकनील को 9-2 से मात देकर गोल्ड पर कब्जा जमाया. इससे पहले दिन में उन्होंने सेमीफाइनल मुकाबले में इंग्लैंड के जॉर्ज रैम को 10-0 से हराया था.

पहले पीछे और फिर दांव लगाकर जीता सोना
रोहतक की रेसलर साक्षी मलिक शुक्रवार को दो मुकाबले खेले और दोनों में विजेता रहीं. फाइनल मुकाबले में वह 4-0 अंक से पीछे चल रही थीं. इसके बाद उन्होंने गजब का दांव लगाया और विरोधी पहलवान को चित कर दी. साक्षी ने महिलाओं की 62 किलोग्राम भारवर्ग के फाइनल में कनाडा की एन्ना गोडिनेज गोंजालेज को पिनफॉल से पटकनी दी. इससे पहले साक्षी ने 2014 ग्लास्गो राष्ट्रमंडल खेलों में सिल्वर और 2018 गोल्ड कोस्ट राष्ट्रमंडल खेलों में ब्रॉन्ज मेडल जीता था. साक्षी ने रियो ओलंपिक (2016) में ब्रॉन्ज जीती थीं.
23 वर्षीय युवा पहलवान दीपक पूनिया (Deepak Punia) ने 22वें कामनवेल्थ गेम्स इतिहास रच दिया. भारतीय पहलवान ने कामनवेल्थ गेम्स 2022 में चिर-प्रतिद्वंदी पाक पहलवान मोहम्मद इनाम को 3-0 से हराकर गोल्ड पर कब्जा जमाया. दीपक अटैकिंग पोजिशन पर खेल रहे थे, जबकि पाक पहलवान डिफेंसिव थे. सेमीफाइनल मुकाबले में दीपक ने कनाडा के पहलवान एलेगजेन्डर मोर को 3-1 से धूल चटाई. कामनवेल्थ गेम्स 2022 में दीपक पूनिया अजेय रहे. उन्होंने शुरू से लेकर अंत तक अपने प्रत्येक मुकाबले में जीत हासिल की.

सुधीर ने पिता के नाम किया मेडल
CWG 2022 में सोनीपत के पैरा खिलाड़ी सुधीर लाठ ने पावर लिफ्टिंग में गोल्ड जीता. जींद में पावर लिफ्टिंग के सीनियर कोच सुधीर ने जीत के बाद अपना मेडल पिता राजबीर सिंह के नाम करने की घोषणा की. सुधीर 2018 में एशियन गेम में ब्रॉन्ज मेडल जीता था, उनके घर लौटने के तीन दिन पहले ही उनके पिता की मौत हो गई थी. वे CISF से रिटायर्ड थे. बेटे के गोल्ड जीतने से खुश मां सुमित्रा ने कहा कि बेटे ने कहा था कि घर से जा रहा हूं तो खाली हाथ नहीं आऊंगा.

पहले राष्ट्रमंडल खेल में मुकाबले में अंशु चांदी सी चमकी
जींद के गांव निडानी की रेसलर अंशु मलिक अपना पहला कॉमनवेल्थ में खेलने गईं थी. उन्होंने देश को निराश नहीं किया. वह सिल्वर मेडल लेकर लौटी हैं. अंशु मलिक ने पहले दो मुकाबले बड़ी आसानी से जीत लिए थे. विरोधी पहलवान को चित करने में मात्र 64 सेकंड लिया था. वहीं फाइनल में नाइजीरिया की ओदुनायो उनके लिए चुनौती रहीं. ओदुनायो ने 2018 कॉमनवेल्थ में भी भारत की पूजा ढांडा को हरा कर स्वर्ण पदक जीता था. 2014 गेम में ओदुनायो ने भारत की ही ललिता सेहरावत को हराया था. लगातार तीसरे कॉमनवेल्थ गेम में उन्होंने भारत के पहनवान को हराया. अंशु भी फाइनल में हार के बाद रोने लगी थीं.