पायलट गुट ने पार्टी नेतृत्व को दिया सख्त संदेश, जिद पर अड़े हैं गहलोत, नहीं मानें तो…

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नई दिल्ली। राजस्थान कांग्रेस में अशोक गहलोत बनाम सचिन पायलट विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से कड़ा स्टैंड लेने के बाद अब मामला और पेचीदा होता जा रहा है। कांग्रेस नेतृत्व ने अशोक गहलोत को समझाने की कोशिश की, लेकिन अब तक कामयाब नहीं मिली है। उधर सचिन पायलट गुट का दावा है कि जिस तरह गहलोत जिद कर रहे हैं, उससे विवाद को सुलझाने में और दिक्कत होगी।

सूत्रों की ओर से पार्टी नेतृत्व भी गहलोत से अपने रूख में लचीलापन लाने की गुजारिश कर रहा है। इस मसले पर दोनों नेताओं को विश्वास में लेकर कोई फैसला करना चाहता है, लेकिन गहलोत अब पायलट गुट की मांग मानने को तैयार नहीं है। पार्टी का सीनियर नेतृत्व पायलट गुट की इस बात से सहमत दिखता है कि साल भर बाद भी विवाद को सुलझाने में उतनी पहल नहीं हुई जितनी होनी चाहिए थी।

उधर सचिन पायलट ने एनबीटी से कहा कि जैसा कि खबरें बताई जा रही हैं कि समझौते के तहत उन्होंने मंत्री पद मांगे हैं वह बिल्कुल सही नहीं है। वे बस चाहते हैं कि जो भी नेता उनके साथ थे, उन्हें उचित जगह और सम्मान मिले और सभी मिलकर कांग्रेस को मजबूत करने की दिशा में आगे बढ़ सके। उधर सचिन गुट के एक नेता के अनुसार विवाद सुलझाने के लिए बनी कमिटी ने भी साल भर बीतने के बाद भी पंजाब की तरह इसे सुलझाने के लिए सकारात्मक कोशिश नहीं की।

पायलट गुट का तर्क है कि अगर यही तत्परता राजस्थान में दिखायी गई होती तो अब तक मामला सुलझ गया होता। उधर सचिन पायलट गुट इस बात से भी इनकार कर रहा है कि उनके साथी छोड़कर गहलोत के पाले में जा रहे है। इस गुट के नेताओं ने कहा कि उनके सामने कांग्रेस छोड़ने का कभी विकल्प नहीं था और उनका पार्टी के शीर्ष नेतृत्व पर भरोसा तब भी था और आज भी है लेकिन पार्टी का ही एक धड़ा चाहता है कि वे कांग्रेस छोड़ें। मालूम हो कि सचिन गुट के नेताओं को मंत्री बनाने की खबरों के बीच गहलोत ने खुद को दो महीने के लिए क्वांटरटीन कर दिया।