- 8 दिन पहले सजी थी डोली, लौटी तो देख सदमे में चला गया बाप… - April 29, 2024
- ‘मुस्लिम सबसे ज्यादा कंडोम इस्तेमाल करते हैं’ - April 29, 2024
- उत्तर प्रदेश में मौसम का डबल अटैक, 32 शहरों में लू का अलर्ट, कई जिलों में आंधी-बारिश - April 29, 2024
नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना के बढ़ते मामलों ने फिर चिंता पैदा कर दी है। महानगर में कोरोना से मरने वालों की संख्या पिछले कुछ दिनों से प्रतिदिन 8 से 10 है। पिछले कुछ दिनों से कोरोना के मामले भी प्रतिदिन 2 हजार से ज्यादा दर्ज हो रहे हैं। कोरोना संक्रमण के बाद अस्पताल में भर्ती होने वालों की संख्या में भी इजाफा हुआ है। उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने ट्वीट करते हुए लोगों से कोरोना संबंधी प्रोटोकॉल का पालन करने का आग्रह किया। स्वास्थ्य विभाग ने चेतावनी दी कि मास्क जरूर पहनें और कोरोना नियमों का पालन करते रहें। इस बीच दिल्ली सरकार ने सार्वजनिक स्थानों पर मास्क न पहनने पर जुर्माने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। दिल्ली में कोरोना के बढ़ते मामलों ने केंद्र की भी चिंता बढ़ा दी है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ. सुनीला गर्ग का कहना है कि कोरोना से रिकवरी की दर हालांकि अच्छी है, लेकिन मामले बढ़ रहे हैं और अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या में तेजी आई है। दिल्ली में 9,000 से अधिक कोविड बिस्तरों पर इस समय मरीज भर्ती हैं। 2,129 आईसीयू बेड में से 20 पर मरीज भर्ती है वहीं 65 मरीज वेंटिलेटर पर हैं। हालांकि उन्होंने कहा कि घबराने की जरूरत है, बल्कि सावधानी बरतने की जरूरत है।
क्या कहते हैं आंकड़े
स्वास्थ्य विभाग द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली ने सोमवार को आठ मौतों के साथ 14.57 प्रतिशत की सकारात्मकता दर के साथ 1,227 नए कोविड -19 मामले दर्ज किए। इससे पहले, दिल्ली में पिछले 12 दिनों तक रोजाना 2,000 से अधिक मामले दर्ज किए गए थे। राजधानी में 2,162 कोरोना मामले और पांच मौतें रविवार को हुई थीं। इससे एक दिन पहले, 2,031 नए केसों के साथ नौ मौतें दर्ज हुईं थी। 12 अगस्त को, दिल्ली में कोरोना से 10 मौतें हुईं, जो छह महीने में सबसे ज्यादा रही। इसी दिन 2,136 मामलों के साथ सकारात्मकता दर 15.02 प्रतिशत रही। 13 फरवरी को कोरोना के कारण 12 मौतें दर्ज की गईं।
गौरतलब है कि राजधानी दिल्ली में बीते 13 जनवरी को कोरोना के 28,867 नए मामले दर्ज हुए थे। जो दिल्ली में सर्वकालिक सबसे ज्यादा थे। जबकि 30.6 प्रतिशत की सकारात्मकता दर रिकॉर्ड हुई थी।